किशनगंज: पूर्व विधायक कोचाधामन सह जदयू जिलाध्यक्ष मुजाहिद आलम को ईमेल के जरिए धमकी मिलने का मामला सामने आया है। इस संबंध में किशनगंज थाना में कांड संख्या 385/2024 दर्ज किया गया है। एडवोकेट इंतशार आलम के आवेदन पर यह मामला दर्ज किया गया, जिसकी जांच स्वयं किशनगंज थाना अध्यक्ष संदीप कुमार कर रहे हैं।

पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने इस धमकी की जानकारी पहले ही पुलिस अधीक्षक को दे दी थी। इसके बाद, आज मुजाहिद आलम एडवोकेट इंतशार आलम के साथ किशनगंज आदर्श थाना पहुंचे, जहां पर औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है और धमकी देने वाले की पहचान के लिए जांच जारी है।

पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
यह पहली बार नहीं है कि किसी प्रमुख राजनीतिक या सामाजिक शख्सियत को धमकी मिली हो। पिछले कुछ वर्षों में किशनगंज और आस-पास के इलाकों में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ईमेल, कॉल या अन्य माध्यमों से धमकियां दी गई हैं। इन मामलों में कई प्रमुख नाम भी जुड़े हुए हैं, लेकिन अक्सर जांच के बावजूद सख्त कार्रवाई का अभाव देखा गया है।

पूर्व विधायक मुजाहिद आलम को भी पहले कई बार इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है। हर बार पुलिस द्वारा जांच शुरू की जाती है, लेकिन कई मामलों में अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में सफलता नहीं मिल पाती। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार प्रशासन किस तरह से मामले को संभालता है और क्या कार्रवाई होती है।

कौन हैं धमकी के पीछे?
यह सवाल हमेशा से बना रहता है कि आखिर ये धमकियां कौन दे रहा है और उनका उद्देश्य क्या है। राजनीतिक साजिश, व्यक्तिगत दुश्मनी या अन्य कारणों से इस तरह की घटनाएं होती रही हैं। कई बार ऐसे मामलों में कुछ नाम सामने आए हैं, लेकिन साक्ष्य के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
अब देखना यह होगा कि इस ताजा मामले में किन नामों का खुलासा होता है और क्या पुलिस इस बार धमकी देने वालों तक पहुंचने में सफल होती है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण मामला है, जिसमें सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

लोगों की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर
किशनगंज जिले के लोग इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर खास नजरें जमाए हुए हैं। हाल के दिनों में कई बार ऐसे मामलों में उचित न्याय और कार्रवाई की कमी ने लोगों में असंतोष पैदा किया है। अब यह देखना होगा कि क्या पुलिस इस बार धमकी देने वालों तक पहुंचने में सफल हो पाती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह लंबित हो जाएगा।
