बिहार दिवस और कटिहार महोत्सव के मौके पर जिले में दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रशासन और निजी विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। यह आयोजन बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए खास था।

पहले दिन की शानदार शुरुआत: लोक गायिका मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति
कटिहार महोत्सव के पहले दिन, शुक्रवार की शाम राजेंद्र स्टेडियम में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अपनी सुरमई आवाज से माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बिहार की पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। मैथिली ठाकुर के संगीत ने महोत्सव में उपस्थित लोगों को बिहार की सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराया।

दूसरे दिन की शुरुआत साइकिल मार्च से: बच्चों में जोश और उत्साह
महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत शनिवार सुबह राजेंद्र स्टेडियम से हुई, जहां स्कूली बच्चों ने एक विशेष साइकिल मार्च निकाला। इस मार्च का उद्घाटन नगर आयुक्त संतोष कुमार, डीआरडीए निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और ट्रैफिक डीएसपी सद्दाम हुसैन ने हरी झंडी दिखाकर किया।
साइकिल मार्च ने शहर की प्रमुख सड़कों, जैसे शहीद चौक, बाटा चौक, न्यू मार्केट और एमजी रोड होते हुए पुनः राजेंद्र स्टेडियम तक वापसी की। यह मार्च न केवल बच्चों के जोश को प्रदर्शित कर रहा था, बल्कि पर्यावरण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण था।

बिहार की सांस्कृतिक धरोहर की झांकी: छात्रों द्वारा भव्य प्रदर्शन
साइकिल मार्च के बाद, जयमाला शिक्षा निकेतन के छात्रों ने बिहार की संस्कृति को दर्शाते हुए एक भव्य झांकी निकाली। इस झांकी में राज्य की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहरों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। स्कूल के प्रबंधक सुशील कुमार सुमन के नेतृत्व में यह झांकी हृदय गंज, मिर्ची बड़ी और अंबेडकर चौक से होकर गुजरी, जहां इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।

समाहरणालय परिसर में पौधारोपण और दीपोत्सव की तैयारी
कार्यक्रम के दौरान समाहरणालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया, जिसमें स्थानीय प्रशासन और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल था।
शाम को, शहर के प्रमुख स्थानों जैसे कारगिल चौक, अंबेडकर चौक, अमर जवान चौक, जीआरपी चौक, शहीद चौक और शहीद स्मारक पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। इन स्थानों पर दीपों की जगमगाहट ने समूचे शहर को एक आकर्षक दृश्य प्रदान किया।
समारोह का समापन: सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ
कार्यक्रम का समापन राजेंद्र स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। इस दौरान बिहार की लोक कला और संगीत का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने भरपूर सराहा।
इस प्रकार, कटिहार में आयोजित बिहार दिवस और महोत्सव का दो दिवसीय कार्यक्रम न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का एक अद्भुत अवसर था, बल्कि इसने समुदाय में एकजुटता, उत्साह और प्रेम का भी संचार किया।
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