के. नगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत परोरा इलाके में मंगलवार को एक लापता किशोरी तबस्सुम (13) की हत्या की अफवाह के बाद तनाव फैल गया। हालांकि, बाद में लड़की अपने घर पर सुरक्षित पाई गई। झूठी खबरों के कारण दो समूहों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें चार पुलिसकर्मियों सहित 10 से अधिक लोग घायल हो गए।

झूठी अफवाह पर हिंसा भड़की
रिपोर्ट के अनुसार, चक परोरा (वार्ड नंबर 8) के मोहम्मद सरफराज आलम की बेटी तबस्सुम अपने घर के पास घास काटने गई थी, तभी एक व्यक्ति ने कथित तौर पर उसका अपहरण करने की कोशिश की। तबस्सुम के साथ मौजूद एक दोस्त भागने में सफल रही और उसने परिवार को इसकी सूचना दी। गुस्साए लड़की के परिवार और ग्रामीणों ने आरोपी के घर पर धावा बोल दिया, जिससे हिंसक झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तलवारों, तीरों और लाठियों से हमला किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।

पुलिस ने हस्तक्षेप किया, स्थिति नियंत्रण में आई
सदर डीएसपी-2 विमल कुमार, के. नगर एसएचओ पृथ्वी नायडू और चंपानगर एसएचओ प्रियंका कुमारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने लड़की को उसके घर से छुड़ाया और आगे की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए आरोपी पक्ष के दो लोगों को हिरासत में लिया।
सदर एसडीपीओ-2 विमलेंदु कुमार ने कहा, “हमें कथित अपहरण के बारे में सूचना मिली थी, लेकिन लड़की घर पर सुरक्षित पाई गई। स्थिति नियंत्रण में है और जांच चल रही है।”

घायलों को अस्पताल ले जाया गया
घायलों, जिनमें ग्रामीण और पुलिस कर्मी शामिल हैं, को इलाज के लिए पूर्णिया जीएमसीएच ले जाया गया। पुलिस ने आगे की स्थिति को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।
पिता का बयान
तबस्सुम के पिता ने दावा किया कि पड़ोसी शेखावत उर्फ पठान ने भागते समय गिरने के बाद उनकी बेटी को जबरन ले जाने की कोशिश की। परिवार का आरोप है कि जब उन्होंने उसे वापस लाने की मांग की तो उन पर हमला किया गया।
अधिकारी तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं और लोगों से अपुष्ट अफवाहों को फैलाने से बचने का आग्रह कर रहे हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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