पूर्णिया जिले के के.नगर थाना क्षेत्र के गढ़िया बलुआ वार्ड नं 5 के पासवान टोला में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें लोजपा (R) के SC-ST प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महेश पासवान ने अपनी पत्नी, साले और साली के खिलाफ आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पत्नी और साले-साली ने उनकी तीन नाबालिग बेटियों से जबरन शादी-पार्टियों में डांस करवाया और इसके विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की। महेश पासवान ने इस मामले में के.नगर थाना में आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के अलावा साले राकेश लाल मुर्मू और साली क्रांति मुर्मू के खिलाफ आरोप लगाए हैं।

महेश पासवान ने बताया कि उनकी पत्नी मुन्नी देवी से उन्होंने 2005 में अंतरजातीय विवाह किया था। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं, जो सभी नाबालिग हैं। महेश का आरोप है कि उनकी पत्नी ने बेटियों को बचपन से ही नानी के घर रखा, जहां वह कभी-कभी अपने पिता से मिलती थीं। उनके साले राकेश और साली क्रांति शादी और पार्टी के कार्यक्रमों में डांस-गाने का काम करते हैं और पिछले एक साल से तीनों बेटियों को जबरन इन कार्यक्रमों में डांस करने के लिए मजबूर कर रहे थे।

बच्चियों ने महेश से बताया कि शादी-पार्टियों में डांस के दौरान लोग उन्हें भद्दे कमेंट करते थे और गंदी निगाहों से देखते थे। इस पर जब उन्होंने अपनी मां से शिकायत की, तो उनकी मां ने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें ही डांट दिया। इसके अलावा, मामा-माैसी ने डांस के पैसे खुद रख लिए थे और खाने-पीने पर भी रोक-टोक की जाती थी। बच्चियों ने बताया कि उनकी मां और पिता दोनों अलग रहते हैं, और उनकी मां उनके पिता के साथ नहीं रहना चाहती।

महेश पासवान ने बताया कि एक सप्ताह पहले जब उनकी बेटियों ने उन्हें इस मामले के बारे में बताया, तो वह अपने ससुराल गए और विरोध किया। इस विरोध पर उनकी पत्नी, साले और साली ने महेश के साथ मारपीट की। महेश ने किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागकर थाने का रुख किया और अपनी पत्नी, साले और साली के खिलाफ आवेदन दिया।
महेश ने कहा कि वह अपनी पत्नी को अपने साथ रखना चाहते हैं ताकि घर बर्बाद न हो और बच्चों का भविष्य अंधेरे में न जाए, लेकिन उनकी पत्नी उनके साथ नहीं रहना चाहती। उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है।
यह मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, और लोग इस पर अपने-अपने विचार रख रहे हैं। महेश के परिवार के लिए यह एक बहुत ही कठिन स्थिति बन चुकी है, जहां उन्हें अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
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