पूर्णिया: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर राजनीतिक पारा चढ़ गया है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है।
पप्पू यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि पिछले 12 वर्षों में देश पर कुल 46 बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं, लेकिन सरकार अब तक इन हमलों को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कहां गया वो 56 इंच का सीना जिसकी बात की जाती थी? आज जब देश पर हमला होता है, तब सब चुप क्यों हैं?”

सुरक्षा एजेंसियों की विफलता का आरोप
उन्होंने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के दौरान हुए इस हमले को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक करार दिया। “आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), मिलिट्री इंटेलिजेंस और दूसरी सभी सुरक्षा एजेंसियां नाकाम साबित हो गई हैं। अगर इतने संवेदनशील समय में भी हम अपनी जनता की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं, तो यह सरकार की सबसे बड़ी असफलता है।”

राजनीति बनाम सुरक्षा पर सवाल
पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि जब देश पर हमला हो रहा है, उस समय केंद्र सरकार के मंत्री रैली और प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा, “मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, कोसी और सीमांचल जैसे इलाकों में कैबिनेट मंत्री केवल भीड़ जुटाने और चुनाव प्रचार के लिए मौजूद हैं, जबकि सीमा पार से देश पर हमले हो रहे हैं।”

पड़ोसी देशों से संबंधों पर भी साधा निशाना
उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों के साथ वर्तमान संबंधों को लेकर भी केंद्र पर सवाल उठाए। “कभी चीन हमारी सीमाओं में घुस आता है, कभी बांग्लादेश रास्ता बंद कर देता है, और पाकिस्तान तो आए दिन आंख दिखाता है। क्या हमारी कूटनीति और सुरक्षा नीति इतनी कमजोर हो चुकी है?”
‘चुनावी सरकार’ करार देते हुए तीखी टिप्पणी
पप्पू यादव ने केंद्र को ’24×7 चुनावी सरकार’ करार देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार का सारा ध्यान केवल चुनावों पर है, न कि देश की सुरक्षा या आम जनता की समस्याओं पर। “मिनट टू मिनट चुनाव की बात होती है। सत्ता के लिए पैसे का इस्तेमाल हो रहा है। सुरक्षा और राष्ट्रहित को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।”
भारी भावनात्मक अपील
अपने बयान के अंत में उन्होंने गुस्से और निराशा में भावनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, “इतने वर्षों बाद भी देश और हिंदू खतरे में हैं। अगर कुछ नहीं कर सकते तो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाइए। देश की असल समस्याओं से भागकर सिर्फ राजनीति की जा रही है।”
पृष्ठभूमि में बढ़ते सवाल
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के दौरान हुआ यह हमला, यात्रियों और सुरक्षाकर्मियों के लिए खतरे का संकेत माना जा रहा है। इस संदर्भ में पप्पू यादव की आलोचना केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने वाली मानी जा रही है।