बिहार: लोकसभा चुनाव में एक तरफ कांग्रेस देश में सरकार बनाने के दावे कर रही है पर दूसरी तरफ कांग्रेस के स्टार प्रचारक ही जमीन से गायब हैं, बिहार में 40 सीटों पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर चालीसो सीटों पर जीत का दावा कर रही है, पर कथनी और करनी में अंतर इनके दावे पर सवाल खड़ा करता है. दरअसल, बिहार लोकसभा सीट पर प्रचार को धार देने के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लंबी फौज की घोषणा की थी. कांग्रेस ने बिहार में प्रचार के लिए 40 नामों की बड़ी सूची तैयार की थी।

बिहार में प्रचार करने वालों की सूची में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़के, शामिल हैं. स्टार प्रचारकों में कन्हैया कुमार, मीसा कुमार, अखिलेश प्रसाद सिंह सहित कई बड़े चेहरे शामिल किए गए हैं पर अबतक एक दो छोड़कर कोई भी बिहार प्रचार करने नही पहुंचे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी अमेठी और रायबरेली सीट अपनी साख बचाने में लगे हुए हैं।

चार चरण का चुनाव खत्म पर नही पहुंचे स्टार प्रचारक-कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारकों लंबी फौज के बावजूद अबतक बिहार में एक दो ही बड़े स्टार प्रचारक प्रचार करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. राहुल गांधी भागलपुर लोकसभा सीट पर प्रचार करने पहुंचे थे, उसके बाद समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर सीट पर सभा के लिए एक बार मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे।
तेजस्वी के भरोसे कांग्रेस को जीत की उम्मीद
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक गायब दिख रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव आरजेडी के साथ कांग्रेस के सीटों पर प्रचार करते देखे जा रहे हैं. अब तक कांग्रेस के बड़े चेहरे बिहार से गायब रहे हैं, पर कांग्रेस अपने हर सीट पर प्रचार के लिए तेजस्वी को ही बुला रहे हैं. जानकारों की मानें तो कांग्रेस को बिहार में खुद से ज्यादा तेजस्वी पर ही भरोसा है. बिहार में राजद का वोट बैंक और तेजस्वी का प्रचार के आक्रामक तरीके पर ही कांग्रेस ज्यादा भरोसा करती हुई दिखाई पड़ रही है।
