किशनगंज: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ किशनगंज में रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया। जिले के लहरा चौक मैदान में वक्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट के बैनर तले एक विशाल जनसभा आयोजित की गई, जिसमें देशभर से कई इस्लामिक संगठन, राजनीतिक दलों के नेता और समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल हुए।
यह सभा पूरी तरह से शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई, लेकिन मंच से केंद्र सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी दी गई कि यदि वक्फ संशोधन कानून को वापस नहीं लिया गया, तो देशभर में बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
किशनगंज में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज की हुंकार
वक्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट के तहत जुटी भीड़, बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद
सभा में इमारत-ए-शरिया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद सहित कई प्रमुख धार्मिक संगठनों से जुड़े उलेमा और वक्ता मौजूद रहे। साथ ही, AIMIM, राजद, कांग्रेस जैसी पार्टियों से जुड़े नेताओं ने भी मंच साझा किया और अपनी आवाज बुलंद की।
किशनगंज में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज की हुंकार
अख्तरुल ईमान का तीखा हमला, कहा – “गाय, कब्रिस्तान और मुसलमान के बिना भाजपा तड़प कर मर जाएगी”
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने अपने fiery भाषण में केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा:
“अगर भाजपा की डिक्शनरी से ‘गाय’, ‘कब्रिस्तान’ और ‘मुसलमान’ शब्द निकाल दिया जाए, तो यह सरकार वैसे ही तड़प कर मर जाएगी जैसे पानी के बिना मछली।”
उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन कर सरकार मुस्लिमों की संपत्तियों पर नजर गड़ाए बैठी है, और यह संविधान विरोधी है। अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया तो व्यापक जनविरोध खड़ा होगा।
किशनगंज में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज की हुंकार
राजद सांसद मनोज झा बोले – “देश को हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर बनाया है”
सभा को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा:
“यह देश भाजपा और आरएसएस वालों ने नहीं बनाया है, बल्कि इसे हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर खून-पसीने से खड़ा किया है। हम वक्फ कानून के खिलाफ इस लड़ाई में मुस्लिम समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।”
किशनगंज में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज की हुंकार
कई विधायकों और पूर्व विधायकों ने भी उठाई आवाज
सभा में मौजूद अन्य नेताओं में विधायक इजहारुल हुसैन, सऊद आलम, अंजार नईमी और पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने भी सरकार को चेताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि मुस्लिम समाज की पहचान और अधिकारों से जुड़ा मसला है। वक्ताओं ने साफ कहा कि यदि मांगों को अनसुना किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा।
जनसभा से निकला स्पष्ट संदेश – “वक्फ पर हमला बर्दाश्त नहीं”
किशनगंज की यह जनसभा इस बात का प्रतीक बनकर उभरी है कि मुस्लिम समुदाय वक्फ कानून को लेकर बेहद सजग और एकजुट है। भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर “वक्फ हमारी अमानत है”, “वक्फ कानून वापस लो”, जैसे नारे लिखे थे।
सभा के अंत में यह ऐलान किया गया कि यदि सरकार ने जल्द ही सकारात्मक पहल नहीं की, तो पूरे बिहार और देशभर में आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।