किशनगंज। बिहार सरकार भले ही कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर हाई अलर्ट पर हो, लेकिन सीमावर्ती जिला किशनगंज की तैयारियों की स्थिति खतरनाक हद तक लापरवाह है। रेलवे स्टेशन से लेकर जिला अस्पताल तक कहीं भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होता नहीं दिख रहा। न जांच केंद्र हैं, न जरूरी उपकरण चालू अवस्था में।

स्टेशन पर सुरक्षा नाम की कोई व्यवस्था नहीं
किशनगंज रेलवे स्टेशन पर रोजाना हजारों यात्री आवाजाही करते हैं, लेकिन वहां न तो कोविड जांच केंद्र है, न ही मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई सख्ती। यात्रियों की स्क्रीनिंग भी नहीं की जा रही, जिससे संक्रमण के फैलाव का खतरा कई गुना बढ़ गया है। सैनिटाइजेशन जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं भी नदारद हैं।

अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद, जांच ठप
सदर अस्पताल की हालत और भी चिंताजनक है। कोविड काल में शुरू किया गया ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से बंद पड़ा है। अस्पताल में 50 बेड, ICU और चार वेंटिलेटर जरूर हैं, मगर कोविड टेस्टिंग यूनिट फिलहाल काम नहीं कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के उपाध्यक्ष अनवर हुसैन ने बताया कि प्लांट की मशीनों में खराबी आ गई है और अब तक इसकी मरम्मत नहीं हुई है।
लोगों में बढ़ी चिंता, विशेषज्ञों ने जताई आशंका
स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लापरवाही किशनगंज जैसे संवेदनशील जिले के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। सीमावर्ती इलाका होने के चलते यहां संक्रमण का खतरा हमेशा अधिक रहता है, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता स्थिति को और बिगाड़ सकती है।
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