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वक्फ कानून के खिलाफ 29 जून को पटना में विशाल रैली

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किशनगंज – केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन कानून के विरोध में आगामी 29 जून को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का आयोजन इमारत ए शरीया के बैनर तले किया जा रहा है, जिसमें देशभर के उलेमा, मुस्लिम बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता शामिल होंगे।

रैली को लेकर सीमावर्ती किशनगंज जिले में भी काफी उत्साह और जागरूकता देखी जा रही है। रैली की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिले की मस्जिदों में नमाज के दौरान आमंत्रण दिया जा रहा है। जुमे की नमाज के मौके पर मस्जिदों में इमाम और समाजसेवी लोगों ने रैली में शामिल होने की अपील की।

वक्फ कानून के खिलाफ 29 जून को पटना में विशाल रैली
वक्फ कानून के खिलाफ 29 जून को पटना में विशाल रैली

विरोध का प्रतीक बनी काली पट्टी

शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान किशनगंज सहित कई मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काली पट्टी बांध कर नमाज अदा की। यह काली पट्टी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ नाराजगी का प्रतीक थी। इस दौरान नमाजियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कानून मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर सीधा हमला है

एक स्थानीय नमाजी ने कहा, “वक्फ की संपत्तियां मुसलमानों की अमानत हैं। केंद्र सरकार इन पर कब्जा करना चाहती है, जो किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

वक्फ कानून के खिलाफ 29 जून को पटना में विशाल रैली
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क्या है विवाद

मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि नया वक्फ संशोधन कानून वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करता है और केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों पर सीधा नियंत्रण देने का मार्ग प्रशस्त करता है। उनका कहना है कि यह धार्मिक अधिकारों के हनन के बराबर है।

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रैली की तैयारियाँ जोरों पर

इमारत ए शरीया द्वारा आयोजित की जा रही इस रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्यभर में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में लोगों के पटना आने की उम्मीद जताई जा रही है। आयोजकों ने बताया कि यह रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से की जाएगी।

निष्कर्ष

29 जून की यह रैली सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज की एकजुटता और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा होने का प्रतीक बन सकती है। अब यह देखना अहम होगा कि सरकार इस जनभावना को किस तरह से लेती है।

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