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पूर्णिया में ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजे शिवालय

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पूर्णिया | सावन मास की पहली सोमवारी पर पूर्णिया शहर का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया। शहर के प्रमुख शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और “हर-हर महादेव” व “बम-बम भोले” के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। भक्तों की आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।

पूर्णिया में 'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंजे शिवालय
पूर्णिया में ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजे शिवालय

प्रमुख शिवालयों में उमड़ी भीड़

शहर के पंचमुखी रोड स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर, बाबा मानसिद्धि नाथ मंदिर और सौरा क्षेत्र स्थित सिटी काली मंदिर परिसर के शिवालय में भक्तों का तांता सुबह चार बजे से ही लगना शुरू हो गया था। श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए कतारों में लगे रहे। शिवालयों को विशेष रूप से फूलों, रंग-बिरंगी लाइटों और धार्मिक झांकियों से सजाया गया था, जिससे मंदिर परिसर का वातावरण उत्सव जैसा प्रतीत हो रहा था।

पूर्णिया में 'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंजे शिवालय
पूर्णिया में ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजे शिवालय

महिलाओं में विशेष उत्साह

सोमवारी व्रत को लेकर महिलाओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। व्रती महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजधज कर पूजा में भाग ले रही थीं। शिव भक्त मधुश्री शर्मा ने कहा, “सोमवारी का व्रत विशेष फलदायी होता है। महादेव पर हमें अटूट विश्वास है। सच्चे मन से की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।”

पंडितों ने बताया सोमवारी का महत्व

मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ पंडितों ने श्रद्धालुओं को सावन और सोमवारी व्रत का महत्व भी बताया। पंडित प्रमोद कुमार झा ने कहा, “श्रावण मास में भगवान शिव पृथ्वी पर निवास करते हैं। सोमवारी के दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह दिन पूजा-पाठ, व्रत और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना गया है।”

धार्मिक मान्यताएं और पूजा की महत्ता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत रखने और भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि श्रावण के प्रत्येक सोमवार को लाखों श्रद्धालु शिवालयों में उमड़ते हैं।

पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था

श्रावण सोमवारी को देखते हुए प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। शिवालयों के आसपास यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। जलाभिषेक के लिए लाईन में लगे श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु पेयजल, छांव और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की गई थी।


निष्कर्ष:
श्रद्धा और भक्ति के इस पर्व ने पूर्णिया को भक्ति के रंग में पूरी तरह रंग दिया। सावन की यह पहली सोमवारी न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण रही, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक एकता का भी उदाहरण पेश किया। श्रद्धालुओं ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर मंगलकामना की।

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