पूर्णिया में शनिवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन जिले की राजनीति को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। यह इफ्तार पार्टी राजद और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की ओर से आयोजित की गई। एक तरफ राजद ने डगरूआ के बेलगच्छी में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जहां पार्टी के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद शिरकत करने पहुंचे, वहीं दूसरी तरफ पप्पू यादव ने जिला स्कूल ग्राउंड में अपनी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इन दोनों आयोजनों ने मुस्लिम-यादव वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की एक जंग सी छेड़ दी है।

तेजस्वी यादव का बयान: मुस्लिम और यादव वोटरों को साथ रखने का वादा
इफ्तार पार्टी के दौरान तेजस्वी यादव ने उपस्थित जनसमूह से संवाद करते हुए कहा, “सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए हमेशा आप लोगों ने लालू और तेजस्वी के हाथों को मजबूत किया है। हम सीमांचल में अपनी पार्टी की ताकत को और बढ़ाएंगे। हमारी पार्टी और हमारे परिवार के सदस्य हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे, चाहे सत्ता रहे या ना रहे।” तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनका ध्यान केवल मुस्लिम और यादव समाज की भलाई पर है, और वे अपनी पार्टी को इन समुदायों के बीच और मजबूत करना चाहते हैं।

पप्पू यादव का पलटवार: चुनावी माहौल और सावधानी की अपील
वहीं, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी अपनी इफ्तार पार्टी के दौरान तेजस्वी यादव पर सीधे हमला बोला। उन्होंने कहा, “सीमांचल में पहले कभी कोई इफ्तार पार्टी नहीं हुई थी, लेकिन अब चुनावी मौसम में सबको मुसलमानों की याद आ गई है।” पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि कुछ नेता चुनाव के दौरान मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए अचानक सामने आते हैं। उन्होंने आगे कहा, “जो लोग कभी-कभी आते हैं और जिन्हें न तो देश की संस्कृति का ज्ञान है और न ही सनातन परंपरा का, उनसे हमें सावधान रहना चाहिए।”
सांसद पप्पू यादव ने यह भी दावा किया कि कुछ नेता सत्ता में रहते हुए देश के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि “यह मेरा भारत है, जो गलत इरादों वालों की मंशा को विफल कर देता है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका भारत एक ऐसा देश है, जो सनातन परंपरा को मानने वाला है, जहां विभिन्न विचारों और संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है।

मीडिया से दूरी: सवालों का नहीं दिया गया कोई जवाब
हालांकि, इन सभी राजनीतिक बयानबाजियों के बीच दोनों नेताओं ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। तेजस्वी यादव और पप्पू यादव दोनों ने ही इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखते हुए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उनके इस रवैये ने इफ्तार पार्टी के आयोजन को और भी दिलचस्प बना दिया, क्योंकि इसमें दोनों नेताओं की राजनीति के बीच खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप का भी एक पहलू दिखाई दिया।

राजनीतिक संदेश: मुस्लिम-यादव वोटबैंक पर सियासत जारी
पूर्णिया की इफ्तार पार्टियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजद और पप्पू यादव दोनों ही मुस्लिम-यादव वोटबैंक को साधने में जुटे हुए हैं। यह सियासी नफा-नुकसान की जंग का हिस्सा बन चुका है, और आगामी चुनावों में इन समुदायों का समर्थन हासिल करने के लिए दोनों नेता कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इफ्तार पार्टी केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक रणनीति का हिस्सा है, जो आगामी चुनावों में इन नेताओं की राजनीतिक ताकत को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।
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