पूर्णिया जिले के आदर्श श्रीनगर थाना की हालिया कार्यवाहियों को लेकर स्थानीय लोगों में असंतोष गहराता जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को भाकपा-माले (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी लेनिनवादी) के नेतृत्व में श्रीनगर थाना रोड पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए थाना रोड पर आवागमन भी बाधित रहा, हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों ने शांति बनाए रखते हुए आंदोलन जारी रखा। भाकपा-माले नेताओं का कहना था कि 26 जून 2025 को श्रीनगर थाना द्वारा दर्ज किए गए एक मामले में पुलिस ने 13 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इस कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति बन गई है, जिससे आक्रोश भी पनप रहा है।
प्रदर्शन में विशेष रूप से ऋषिदेव समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और इस समुदाय के खिलाफ कथित भेदभाव की भी बात उठाई। भाकपा-माले नेताओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पारदर्शिता से दूर रही है, जिससे सामाजिक सौहार्द्र पर भी असर पड़ा है।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें:
- प्राथमिकी की निष्पक्ष जांच: सभी पक्षों को सुनते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए।
- समाज विशेष के प्रति भेदभाव पर रोक: ऋषिदेव समुदाय समेत अन्य पिछड़े वर्गों के साथ न्याय सुनिश्चित किया जाए।
- प्रशासनिक जवाबदेही: थाना की कार्यप्रणाली पर उच्च अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाए और आवश्यक सुधार किए जाएं।
प्रदर्शन के दौरान थाना परिसर के निकट शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए लोगों ने नारेबाजी की और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। भाकपा-माले नेताओं ने जिला प्रशासन से अपील की कि वह इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।

भाकपा-माले नेताओं का बयान:
“हमारा उद्देश्य किसी तरह का टकराव नहीं है। हम सिर्फ यह चाहते हैं कि सभी पक्षों को समान रूप से सुना जाए। अगर पुलिस एकतरफा कार्रवाई करेगी, तो जनता का विश्वास उठ जाएगा,” एक स्थानीय भाकपा-माले नेता ने कहा।

प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा:
इस प्रदर्शन पर फिलहाल थाना प्रभारी या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
निष्कर्ष:
पूर्णिया जिले में श्रीनगर थाना की भूमिका को लेकर उठे सवाल अब जन-आंदोलन का रूप लेने लगे हैं। भाकपा-माले के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि पुलिस की कार्रवाई को लेकर आम लोगों में गहरी असंतुष्टि है। आने वाले दिनों में प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच की प्रक्रिया इस असंतोष को कम या बढ़ा सकती है।
अधिक ताजा खबरों के लिए पढ़ें Jeb News.