किशनगंज – जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के निदेशानुसार उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता ने कनकई सभागार में आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित की। इस बैठक में आपदा प्रबंधन की तैयारी से संबंधित सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

किशनगंज जिला मुख्यतः बाढ़ से प्रभावित रहता है, इसलिए आपदा समय में निपटने के लिए मोटरबोट, नवपॉलीथिन शीट, लाइफ जैकेट आदि सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। किशनगंज जिले से महानंदा नदी गुजरती है, और अन्य छोटी नदियाँ बारिश के मौसम में बाढ़ का विकराल रूप धारण कर लेती हैं। संभावित बाढ़ से पूर्व सुरक्षित स्थलों की पहचान और जनमानस को वहां पहुंचाने के इमरजेंसी प्लान की तैयारी पर विशेष जोर दिया गया।

जिला के प्रखंड स्तर पर वर्षा मापक यंत्र (ऑटोमैटिक रैन गेज) लगाए गए हैं, जिनके आंकड़े प्रतिदिन विभाग को भेजे जा रहे हैं। इन यंत्रों की रीडिंग के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति की गई है। बाढ़ राहत और अन्य सामग्रियों का दर निर्धारण एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए जिला स्तर पर निविदा प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण कर ली जाएगी।

एसडीआरएफ टीम द्वारा बाढ़ प्रभावित पंचायतों में समुदाय को पूर्व प्रशिक्षण दिया गया है। इस वर्ष जून में समुदाय और विद्यालय स्तर पर कम्युनिटी अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है, जो 1 जुलाई तक चलेगा।

डीडीसी ने पॉलीथिन शीट और नाव की उपलब्धता सुनिश्चित करने, नदी तटबंधों की सुरक्षा और गश्ती की व्यवस्था के निर्देश दिए। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र तीन पालियों में 24×7 संचालित है।

बैठक में उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता, प्रशिक्षु आईएएस प्रद्युम्न सिंह, एडीएम अमरेंद्र कुमार पंकज, प्रभारी पदाधिकारी (आपदा) सुनीता कुमारी, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी और अन्य अधिकारी/कर्मी उपस्थित थे।
