किशनगंज जिले के पोठिया क्षेत्र में मवेशी व्यवसायी हसीबुल की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मवेशी चोरी के आरोप में गिरफ्तार हसीबुल की तबीयत जेल में बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं मृतक के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि हिरासत में हसीबुल के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ।

हसीबुल की मां और पत्नी का कहना है कि वह निर्दोष था और पुलिस की पिटाई ने उसकी जान ले ली। जब की मामले की गंभीरता को देखते हुए, किशनगंज के एसपी सागर कुमार ने तत्काल कार्रवाई की। ठाकुरगंज अंचल निरीक्षक अरुण सिंह और पहाड़कट्टा थाना प्रभारी चंदन कुमार को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, निष्पक्ष जांच के लिए डीएसपी मुख्यालय और डीएसपी ट्रैफिक की दो सदस्यीय समिति गठित की गई है।

वहीं घटना के बाद, पूर्व विधायक कमरूल हुदा मृतक के परिजनों से मिले और इसे “पुलिस हिरासत में हत्या” बताते हुए दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। परिजनों ने मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। वहीं शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रशासन ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन इस घटना ने पुलिस के व्यवहार और हिरासत में मौत के मामलों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
