कटिहार के ड्राइवर टोला वार्ड नंबर 16 में रेलवे ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से बनी झुग्गियों और क्वाटरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। रेलवे की यह कार्रवाई उसके कब्जे वाली भूमि पर किए गए अवैध निर्माण के खिलाफ थी। इस दौरान रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), जीआरपी और रेलवे के उच्च अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद थी।
इस कार्रवाई में करीब 1000 परिवारों के घर उजड़ गए हैं। स्थानीय निवासी मीना देवी, सावित्री देवी, उर्मिला देवी और मंजू देवी सहित कई अन्य महिलाएं इस कार्रवाई से बेहद परेशान हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वे पिछले 40 वर्षों से इस जमीन पर रह रही थीं और अब रेलवे ने अचानक उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया, जिससे उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं बची।
महिलाओं का आक्रोश और मोहलत की अपील
इस कार्रवाई के बाद प्रभावित महिलाओं ने रेलवे अधिकारियों से कुछ समय की मोहलत की अपील की है। उनका कहना है कि वे छोटे बच्चों और घर की महिलाओं के साथ कहां जाएं, खासकर जब उनके पास अपने घरेलू सामान को लेकर कोई ठोस स्थान नहीं है। उनका कहना है कि घरों को ध्वस्त करने से न सिर्फ उनकी छत छिन गई है, बल्कि घरेलू सामान भी नष्ट हो गया है, जिससे उनके लिए नई शुरुआत करना बेहद मुश्किल हो गया है।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी
रेलवे अधिकारियों ने इस मामले में बताया कि दो महीने पहले ही इन परिवारों को जगह खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। रेलवे ने यह स्पष्ट किया कि यह इलाका अब रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) को सौंपा जाएगा, और इसके बाद से यह क्षेत्र विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाएगा। रेलवे का कहना है कि इन क्वार्टरों को पहले ही डैमेज घोषित किया गया था, और अब इन झुग्गियों को हटाने का निर्णय इस आधार पर लिया गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस कदम से नाराज हैं और उनका कहना है कि रेलवे द्वारा दी गई नोटिस के बावजूद वे लंबे समय से यहां रह रहे थे और अब उन्हें अचानक इस स्थिति में लाकर छोड़ दिया गया। उनका आरोप है कि रेलवे ने इन्हें हटाने से पहले कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, जिससे इन परिवारों की समस्याएं बढ़ गई हैं।
यह घटना कटिहार में रेलवे के अवैध निर्माण पर चल रही कार्रवाई के दौरान एक बड़ा विवाद बन गई है, और प्रभावित लोग अब राहत की उम्मीद कर रहे हैं।