किशनगंज: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के किशनगंज केंद्र के विकास के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने AMU किशनगंज केंद्र के लिए 136.82 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से विश्वविद्यालय के विकास कार्यों को गति मिलेगी और केंद्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस राशि में से 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत पहले ही 10 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं, जो केंद्र के पहले चरण के विकास कार्यों में लगाए गए थे। अब केंद्र सरकार की ओर से बाकी की राशि की स्वीकृति से विश्वविद्यालय को आगे के विकास कार्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
NMCG से निषेधाज्ञा का समाधान:
AMU किशनगंज केंद्र के विकास में एक बड़ी बाधा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) से संबंधित थी, जिसने केंद्र के कुछ विकास कार्यों पर रोक लगा रखी थी। इस समस्या के समाधान के लिए AMU प्रशासन ने NMCG को नया प्रस्ताव सौंपा है, जिससे निषेधाज्ञा हटाने का मार्ग खुल गया है।
शिक्षा मंत्रालय विश्वविद्यालय के साथ निरंतर संपर्क में है और आगामी धनराशि के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की वित्त समिति को भेजने की प्रक्रिया जारी है। इसके जरिए AMU किशनगंज को और भी अधिक फंडिंग मिल सकेगी, जिससे केंद्र के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं में सुधार होगा।
नई भर्तियों का रास्ता भी साफ:
AMU के किशनगंज केंद्र में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए रास्ता अब साफ हो गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने AMU को निर्देश दिया है कि वह अपने भर्ती प्रस्तावों को ‘समर्थ पोर्टल’ पर अपलोड करें। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद इन भर्तियों की मंजूरी देने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।
इस कदम से केंद्र में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो विश्वविद्यालय के कार्यों में सुधार और दक्षता लाएगी।
सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद के प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान:
इस सफलता में किशनगंज के सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद का अहम योगदान रहा है। उन्होंने लगातार संबंधित मंत्रालयों और संस्थाओं पर दबाव बनाए रखा, जिसके कारण यह फैसला संभव हो पाया। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण AMU किशनगंज केंद्र के विकास की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
इस निर्णय के बाद, किशनगंज में AMU केंद्र का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है, और यह क्षेत्रीय शिक्षा और विकास में नई दिशा प्रदान करेगा।