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कटिहार में सरकारी जमीन से आदिवासियों को हटाने का विरोध

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सरकारी जमीन से आदिवासियों को हटाने के विरोध में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने शुक्रवार को एनएच-81 पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन प्राणपुर थाना क्षेत्र के सिंघिया गांव में हुआ, जहां गुरुवार को बिना पूर्व सूचना के पुलिस और अंचलाधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे थे।

सरकारी जमीन से आदिवासियों को हटाने का विरोध
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प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी जानकारी के आदिवासियों के घरों को खाली करने की कोशिश की। उनका कहना है कि यह कदम भू-माफियाओं की साजिश का हिस्सा है, जो गांव की 12 एकड़ सिकमी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे तक सड़क को जाम रखा, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

सरकारी जमीन से आदिवासियों को हटाने का विरोध
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भाकपा माले कार्यकर्ता प्रदीप कुमार और पूर्व मुखिया कृत्यानंद यादव ने इस विवाद की जड़ को भू-माफिया के प्रयासों में बताया। उनका कहना था कि सालों से बसे आदिवासियों को उनके घरों से हटाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि कई आदिवासी परिवारों के पास लाल कार्ड भी हैं, जो उनकी निवास स्थिति को वैध साबित करते हैं।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे डीएम और एसपी का घेराव करेंगे। उनका यह भी कहना था कि जमीन पर भू-माफियाओं की नजर होने के कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है।

इस पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए जिला कार्यपालक पदाधिकारी राकेश रंजन ने बताया कि सीलिंग की जमीन का आदिवासियों के बीच बंटवारा हुआ है। इस मुद्दे को वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दिया गया है और जमीन से जुड़ी त्रुटियों को ठीक करने के लिए अभिलेख तैयार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मामले का हल शीघ्र निकाला जाएगा।

प्रदर्शन के बाद जाम को खोलने के लिए जिला कार्यपालक पदाधिकारी और पुलिस बल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त करवाया।

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