किशनगंज: किशनगंज जिले में सीमा सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को लेकर सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता पूर्णिया प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने की। यह बैठक किशनगंज समाहरणालय के महानंदा सभागार में हुई, जिसमें जिले के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने के निर्देश
बैठक की शुरुआत सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा से हुई। प्रमंडलीय आयुक्त ने सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी चेक पोस्टों पर वाहनों और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जाए। सीमावर्ती संवेदनशील इलाकों में गश्त को नियमित और प्रभावी बनाने पर भी ज़ोर दिया गया।

बाढ़ से निपटने की तैयारी का खाका तैयार
बिहार में संभावित बाढ़ को ध्यान में रखते हुए बैठक में बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों की व्यापक समीक्षा की गई। आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि सभी बाढ़ संभावित क्षेत्रों में नावों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और नाव के तय किराए की सूची शीघ्र जारी की जाए, ताकि आम लोगों से मनमानी वसूली रोकी जा सके।

राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता
प्रमंडलीय आयुक्त ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि विस्थापित परिवारों के लिए त्वरित पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। उन्होंने राहत सामग्री की उपलब्धता को लेकर भी अधिकारियों से जानकारी ली, जिसमें आश्रय स्थल, पशु चारा, दवाइयाँ, साफ पेयजल, शौचालय और रोशनी की व्यवस्था शामिल थी।
आपात चेतावनी प्रणाली को मिली मंज़ूरी
बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कहा गया कि किशनगंज शहर के पांच स्थानों और सभी प्रखंड मुख्यालयों में सायरन सिस्टम लगाया जाएगा, ताकि आपात स्थिति में तत्काल चेतावनी दी जा सके और जनहानि को रोका जा सके। इस योजना को प्रमंडलीय स्तर पर स्वीकृति दे दी गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
इस उच्चस्तरीय बैठक में जिला पदाधिकारी विशाल राज, पुलिस अधीक्षक सागर कुमार, उप विकास आयुक्त (डीडीसी), आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, और जिले के सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की तैयारियों की जानकारी दी और आवश्यक निर्देश प्राप्त किए।
निष्कर्ष:
यह बैठक किशनगंज के सीमावर्ती और आपदा संभावित क्षेत्रों के लिए समग्र और पूर्वव्यापी तैयारी की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रशासन का उद्देश्य न केवल सुरक्षा को मजबूत करना है, बल्कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समन्वित प्रयास सुनिश्चित करना भी है।
अधिक ताजा खबरों के लिए Jeb News पढ़ें |