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दरभंगा में राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के पप्पू यादव के समर्थक

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पूर्णिया— कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दरभंगा में ‘शिक्षा, न्याय संवाद’ कार्यक्रम आयोजित करने से रोके जाने और उनके खिलाफ FIR दर्ज किए जाने के विरोध में शुक्रवार को पूर्णिया में जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख और सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन की शुरुआत सांसद कार्यालय ‘अर्जुन भवन’ से हुई, जहां से सैकड़ों की संख्या में समर्थकों ने पैदल मार्च कर आरएन साह चौक तक पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गृहमंत्री और बिहार के डिप्टी सीएम के खिलाफ खासतौर पर गुस्सा जाहिर किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुतला फूंककर विरोध दर्ज कराया और आरोप लगाया कि बिहार सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

दरभंगा में राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के पप्पू यादव के समर्थक
दरभंगा में राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के पप्पू यादव के समर्थक

क्या है मामला?

दरअसल, 15 मई को राहुल गांधी बिहार दौरे पर दरभंगा पहुंचे थे। वहां अंबेडकर हॉस्टल में ‘शिक्षा और न्याय संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां वे दलित छात्रों से संवाद करना चाहते थे। लेकिन प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी और कार्यक्रम रोक दिया गया। इसके बाद राहुल गांधी समेत कांग्रेस के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर दी गई।

दरभंगा में राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के पप्पू यादव के समर्थक
दरभंगा में राहुल गांधी को रोके जाने पर भड़के पप्पू यादव के समर्थक

सरकार पर गंभीर आरोप

प्रदर्शन के दौरान सांसद पप्पू यादव के प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम सरकार के इशारे पर हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की सरकार अब विपक्ष से डरने लगी है और युवाओं को जागरूक करने वाले कार्यक्रमों को रोक रही है। राजेश यादव ने यह भी कहा कि राहुल गांधी आज वंचित और दलित समाज की आवाज बन चुके हैं, और अंबेडकर हॉस्टल में उनका छात्रों से मिलना सरकार को नागवार गुजरा।

“बिहार में अब तानाशाही शासन”

राजेश यादव ने कहा कि दरभंगा प्रकरण ने साफ कर दिया है कि बिहार की डबल इंजन सरकार अब लोकतांत्रिक मूल्यों की जगह तानाशाही पर उतर आई है। उन्होंने नीतीश कुमार को ‘डमी मुख्यमंत्री’ बताया और कहा कि असली फैसले अब बीजेपी और सरकार के रिटायर्ड अधिकारी ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इस पूरे तमाशे को देख रही है और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका करारा जवाब देगी।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद बिहार में विपक्ष को एकजुट होने और सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का मौका दे सकता है। राहुल गांधी का दलित छात्रों से मिलने का प्रयास और उस पर प्रशासनिक रोक, आगामी चुनावों के लिहाज से एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

निष्कर्ष

पूर्णिया में हुआ यह प्रदर्शन दरभंगा प्रकरण पर विपक्षी दलों की नाराजगी का एक उदाहरण है। आने वाले समय में यह मामला राज्य की राजनीति में एक प्रमुख बहस का विषय बन सकता है, खासकर जब बिहार में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।

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