किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में रविवार को एक जनसभा के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक गर्मी बढ़ाने वाला बयान सामने आया। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. आसिफ सईद ने ठाकुरगंज के मौजूदा विधायक सऊद असरार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने विधायक पर वंशवाद और क्षेत्र में विकास के अभाव को लेकर सीधे आरोप लगाए।

डॉ. आसिफ ने कहा कि “विकास नहीं हुआ तो जनता बदलाव करेगी। अनुकंपा पर एक बार नौकरी मिलती है, बार-बार नहीं।” उन्होंने स्पष्ट इशारों में कहा कि वर्तमान विधायक को सत्ता विरासत में मिली है, न कि जनता की उम्मीदों और विकास कार्यों के बल पर। उन्होंने दावा किया कि ठाकुरगंज में वास्तविक विकास की जरूरत है, लेकिन अब तक सिर्फ कुछ गिने-चुने लोगों का ही विकास हुआ है, आम जनता आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

डॉ. आसिफ का इशारा साफ था कि विधायक सऊद असरार को अपने दिवंगत पिता और पूर्व विधायक असरारुल हक की राजनीतिक विरासत के कारण टिकट और फिर जीत मिली है। उन्होंने कहा, “जनता अब सवाल पूछ रही है, जवाब चाहिए विकास का, न कि पारिवारिक पहचान का।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. आसिफ ने कहा कि ठाकुरगंज जैसे सीमावर्ती क्षेत्र को विशेष विकास योजनाओं की जरूरत है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार के मुद्दे वर्षों से उपेक्षित हैं। उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और महिलाओं के लिए स्वावलंबन योजनाओं पर भी ध्यान देने की मांग की।

राजनीति में बढ़ता सियासी तनाव
डॉ. आसिफ का यह बयान ठाकुरगंज की राजनीतिक सरगर्मियों को तेज कर सकता है। सऊद असरार की छवि एक शांत और पारंपरिक राजनेता की रही है, लेकिन अब उनके खिलाफ खुलकर बोलने वालों की संख्या बढ़ रही है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि मौजूदा विधायक इन आरोपों का क्या जवाब देते हैं और क्षेत्र में बदलाव की इस मांग का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।
जनता की नजर में विकास बनाम विरासत
इस बयान के बाद ठाकुरगंज की राजनीति “विकास बनाम विरासत” की बहस में उलझ सकती है। डॉ. आसिफ सईद जैसे नेता क्षेत्रीय मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि मौजूदा विधायक की राजनीति पारिवारिक विरासत के इर्द-गिर्द घूमती दिख रही है।
स्थिति अब इस मोड़ पर पहुंच गई है जहां आगामी चुनावों में ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन सकता है। जनता के सवाल और नेताओं के जवाब आने वाले समय की दिशा तय करेंगे।
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