पूर्णिया के टेटगामा गांव में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों को डायन (जादू-टोना) के शक में जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई। यह घटना रविवार को हुई, लेकिन शवों को छिपा दिया गया था। पुलिस को मामले की जानकारी परिवार के 16 साल के बेटे सोनू उरांव ने दी, जो इस हत्याकांड का चश्मदीद गवाह भी है।

सोमवार सुबह 5 बजे से पुलिस ने शवों की तलाश शुरू की। करीब साढ़े 13 घंटे की मशक्कत के बाद शाम को गांव से बाहर एक सुनसान जगह पर जले हुए शव मिले। शवों की हालत देखकर पुलिस भी सकते में आ गई। शरीर पूरी तरह जल चुके थे, मांस के लोथड़े अलग हो गए थे।

फोन पर एक सूत्र ने बताया कि गांव में पांच लोगों की हत्या हुई है, लेकिन शव गायब हैं।
गांव पहुंचने पर वहां सन्नाटा छाया था। पुलिस की एक बड़ी टीम, जिसमें मरंगा थानाध्यक्ष रूपक रंजन सिंह, सदर थानाध्यक्ष अजय कुमार और मुफस्सिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार शामिल थे, मृतक के बेटे सोनू के साथ शव ढूंढने में जुटी थी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पीड़ित परिवार पर डायन होने का आरोप लगाया गया था। इसी शक के चलते उन्हें निर्मम तरीके से मार दिया गया। गांव के लोग डर के मारे घरों में दुबके हुए थे।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। संदिग्धों की तलाश जारी है। इस बर्बर हत्याकांड ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है।
परिवार के एकमात्र बचे सदस्य सोनू ने रोते हुए कहा, *”मेरे माता-पिता और भाई-बहनों को बेरहमी से मारा गया। मैं न्याय चाहता हूं।”*
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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