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किशनगंज में करंट लगने से शिक्षक की दर्दनाक मौत

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किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत कालपीर पंचायत के पिपरा गांव में सोमवार को एक हृदयविदारक घटना घटित हुई, जब उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पिपरा वार्ड संख्या 2 में कार्यरत शिक्षक मोहम्मद बीरजीश आलम की करंट लगने से असमय मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

किशनगंज में करंट लगने से शिक्षक की दर्दनाक मौत
किशनगंज में करंट लगने से शिक्षक की दर्दनाक मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहम्मद बीरजीश आलम खेत में सिंचाई कर रहे थे। मानसून की बेरुखी के चलते बारिश नहीं होने से खेतों में पानी की किल्लत बनी हुई थी, जिसे दूर करने के लिए वे खुद मोटर पंप के जरिए खेत में सिंचाई कर रहे थे। इसी दौरान जब वे मोटर का तार जोड़ रहे थे, तभी अचानक उन्हें तेज करंट लग गया। करंट लगते ही वे अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े।

किशनगंज में करंट लगने से शिक्षक की दर्दनाक मौत
किशनगंज में करंट लगने से शिक्षक की दर्दनाक मौत

घटना की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण उन्हें आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, टेढ़ागाछ ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।

 

मोहम्मद बीरजीश आलम वर्ष 2003 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पिपरा में शिक्षक पद पर कार्यरत थे। वे अपने सरल स्वभाव, ईमानदारी और बच्चों के प्रति समर्पण के लिए विद्यालय और समाज में विशेष पहचान रखते थे। उनके निधन से शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।

घटना के बाद उनके निवास स्थान पर ग्रामीणों और सहकर्मी शिक्षकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने परिजनों को ढांढस बंधाया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उनकी पत्नी और बच्चे गहरे सदमे में हैं और उनका रो-रो कर बुरा हाल है।

शिक्षक साथियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस दुःखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सहायता देने की मांग की है।

यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सुरक्षा और सिंचाई व्यवस्था की समस्याओं को उजागर करती है, जहां अब भी लोग जान जोखिम में डालकर खेती करने को मजबूर हैं।

 

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