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किशनगंज में भीषण अग्निकांड, लाखों की संपत्ति स्वाहा

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किशनगंज: जिले के टेढ़ागाछ थाना क्षेत्र अंतर्गत झुनकी मुसहरा पंचायत में गुरुवार रात एक भीषण अग्निकांड ने दो परिवारों की ज़िंदगी भर की पूंजी को राख में बदल दिया। रात करीब 8 बजे अचानक लगी आग ने मोहम्मद मुश्फिक आलम और कुरेशा खातून के दो घरों को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। जब तक आग पर काबू पाया जाता, तब तक दोनों परिवारों का सब कुछ जल चुका था।

किशनगंज में भीषण अग्निकांड, लाखों की संपत्ति स्वाहा
किशनगंज में भीषण अग्निकांड, लाखों की संपत्ति स्वाहा

आग में जल गई जीवन भर की कमाई

घटना में दोनों परिवारों के घर में रखा कीमती सामान जैसे अनाज, कपड़े, बर्तन, ज़रूरी दस्तावेज, फर्नीचर आदि जलकर खाक हो गए। इतना ही नहीं, आग की चपेट में आकर घर में बंधी तीन बकरियां भी जिंदा जल गईं, जिससे पशुधन की भी बड़ी क्षति हुई है।

किशनगंज में भीषण अग्निकांड, लाखों की संपत्ति स्वाहा
किशनगंज में भीषण अग्निकांड, लाखों की संपत्ति स्वाहा

स्थानीय लोगों की सूझबूझ, लेकिन नहीं बचा पाए सब कुछ

आग की लपटें जब तेज़ हुईं तो आसपास के ग्रामीण मदद के लिए दौड़े और आग पर काबू पाने का भरसक प्रयास किया। उन्होंने पानी की बाल्टियों, मिट्टी और अन्य संसाधनों से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि कुछ भी नहीं बचाया जा सका। स्थिति को देखते हुए टेढ़ागाछ और फतेहपुर थानों से दमकल की गाड़ियाँ मौके पर भेजी गईं, परंतु तब तक घर जलकर पूरी तरह नष्ट हो चुके थे।

प्रशासन पहुंचा मौके पर, मदद का दिया आश्वासन

घटना की सूचना मिलते ही राजस्व कर्मचारी अरुण कुमार पांडेय और अन्य प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव सरकारी सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। प्रारंभिक आकलन के अनुसार घटना में लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

जांच में जुटी पुलिस, आग लगने के कारणों का पता नहीं

फिलहाल आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्ट सर्किट या चूल्हे से फैली हो सकती है, हालांकि पुलिस और प्रशासनिक टीम मामले की जांच में जुटी है।

स्थानीय लोगों की मांग: पीड़ितों को तत्काल राहत और पुनर्वास

गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दोनों परिवारों को तुरंत आपातकालीन राहत राशि, आवास योजना के तहत घर निर्माण की सुविधा, और राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे पुनः सामान्य जीवन शुरू कर सकें।


निष्कर्ष:
इस भीषण हादसे ने दो परिवारों को न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी गहरा आघात दिया है। प्रशासनिक स्तर पर राहत कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए भविष्य में अधिक सतर्कता और तैयारियों की आवश्यकता है।

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