अररिया: जिले के अररिया-रानीगंज फोरलेन पर शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य यात्री बाल-बाल बच गए। घटना गिदरिया पेट्रोल पंप के पास रात लगभग 9 बजे की है, जब एक टोटो ई-रिक्शा अचानक बेकाबू होकर पलट गया।
इस हादसे में रानीगंज प्रखंड के छतियौना, रेही गांव निवासी सुरेन श्रषिदेव की पत्नी तारो देवी (45) की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तारो देवी हड़िया बड़ा से ई-रिक्शा में सवार होकर अपने गांव लौट रही थीं।
ई-रिक्शा जैसे ही गिदरिया पेट्रोल पंप के पास पहुंचा, चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन पलट गया। इस दौरान तारो देवी ई-रिक्शा के नीचे दब गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। स्थानीय लोगों की तत्परता से उन्हें तुरंत सदर अस्पताल, अररिया ले जाया गया, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर प्रदीप कुमार ने प्राथमिक जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉ. प्रदीप कुमार के अनुसार, तारो देवी की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। हादसे में सवार अन्य दो यात्रियों ने किसी तरह कूदकर अपनी जान बचा ली, हालांकि उन्हें मामूली चोटें आई हैं।

तेज रफ्तार और लापरवाही बनी वजह
स्थानीय लोगों ने बताया कि टोटो की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही इस हादसे की वजह बनी। फोरलेन पर रात में लाइट की कमी और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अक्सर इस तरह की घटनाओं को जन्म देती है।

पुलिस व परिजन नहीं पहुंचे मौके पर
अस्पताल प्रबंधन ने घटना की सूचना यातायात थाना पुलिस को दी, लेकिन खबर लिखे जाने तक न तो पुलिस मौके पर पहुंची और न ही मृतका के परिजन। इस उदासीनता ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हादसा अररिया-रानीगंज मार्ग पर घटित हालिया घटनाओं में एक और जोड़ है, जिससे क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता और नाराजगी गहराती जा रही है। फोरलेन होने के बावजूद सुरक्षा मानकों का अभाव, वाहनों की तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियंत्रण की कमी लगातार जानलेवा साबित हो रही है।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और यातायात विभाग की निष्क्रियता के कारण इस मार्ग पर हादसे लगातार हो रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि इस रूट पर ट्रैफिक पुलिस की नियमित तैनाती, रफ्तार नियंत्रण के लिए चेतावनी संकेत और रात्रि में प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल एक परिवार को गहरा आघात दे गई, बल्कि सड़क सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक तत्परता पर भी गंभीर सवाल छोड़ गई है। यदि समय रहते उचित कदम न उठाए गए, तो इस तरह की घटनाएं आगे भी दोहराई जा सकती हैं।
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