पूर्णिया: शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र अंतर्गत पॉलिटेक्निक चौक स्थित न्यू सिटी हॉस्टल में मारपीट का एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि हॉस्टल के इंचार्ज रौशन राज ने एक पूर्व छात्र कौशल कुमार जायसवाल के साथ न सिर्फ मारपीट की, बल्कि उसके पिता के साथ भी अभद्र व्यवहार किया और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित पक्ष ने स्थानीय थाना में मामला दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है।

क्या है पूरा मामला?
श्रीनगर थाना क्षेत्र निवासी मिथिलेश कुमार के पुत्र कौशल कुमार जायसवाल ने बताया कि वह पहले न्यू सिटी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था, लेकिन प्रताड़ना के चलते चार महीने पहले हॉस्टल छोड़ चुका है। हालांकि उसका छोटा भाई जीतन कुमार अभी भी उसी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है।
कौशल के अनुसार, 30 जुलाई को वह अपने छोटे भाई को जरूरी सामान देने हॉस्टल गया था। बाहर मौजूद कुछ छात्रों से भाई को बुलाने की बात कह रहा था, तभी हॉस्टल इंचार्ज रौशन राज वहां पहुंचे और उसे फौरन हॉस्टल से चले जाने को कहा। जब कौशल ने भाई से मिलने की बात कही, तो इंचार्ज ने आपत्ति जताई और विवाद बढ़ने पर कथित रूप से मारपीट शुरू कर दी। कौशल का दावा है कि उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे वह लहूलुहान हो गया।

इलाज के बाद फिर हुआ विवाद
मारपीट के बाद घायल कौशल को इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH), पूर्णिया ले जाया गया। इलाज के बाद जब उनके पिता मिथिलेश कुमार उनके साथ हॉस्टल पहुंचे और घटना का विरोध जताया, तो आरोप है कि इंचार्ज ने उनके साथ भी गाली-गलौज की और मारपीट करने की कोशिश की। परिजनों का कहना है कि रौशन राज ने जान से मारने की धमकी भी दी।

पीड़ित पक्ष की शिकायत
घटना से आहत परिवार ने सहायक खजांची थाना में लिखित आवेदन देकर न्याय की मांग की है। पिता मिथिलेश कुमार का कहना है कि उनके बेटे को बिना किसी कारण पीटा गया और अब उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। उनका कहना है कि हॉस्टल प्रबंधन पर कोई निगरानी नहीं है और छात्रों के साथ पहले भी दुर्व्यवहार की घटनाएं हो चुकी हैं।
हॉस्टल इंचार्ज का पक्ष
वहीं, हॉस्टल के इंचार्ज रौशन राज ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। उन्होंने कहा, “मैं एक शिक्षक हूं और अपने किसी भी छात्र पर हाथ नहीं उठा सकता। कौशल कुमार पहले हमारे हॉस्टल में रहता था, लेकिन वह अनुशासनहीन था और नशे की आदतों में लिप्त था। कई बार उसने अन्य छात्रों से भी दुर्व्यवहार किया।”
इंचार्ज का दावा है कि उन्होंने भी थाने में आवेदन दिया है और पुलिस जांच की मांग की है। रौशन राज ने कहा, “अगर मैं दोषी पाया जाता हूं तो कानून के अनुसार कार्रवाई हो। लेकिन किसी बदनाम छात्र द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों में फंसाया जाना उचित नहीं है।”
पुलिस कर रही जांच
सहायक खजांची थाना के प्रभारी ने पुष्टि की है कि उन्हें इस मामले में लिखित शिकायत प्राप्त हुई है और जांच शुरू कर दी गई है। दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है और मामले की सच्चाई जल्द सामने लाई जाएगी। पुलिस ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
यह घटना हॉस्टल प्रबंधन और छात्र सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो यह शैक्षणिक वातावरण में असंवेदनशीलता का गंभीर मामला बन सकता है। वहीं, झूठे आरोप की स्थिति में यह प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी साबित हो सकता है। पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।
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