अररिया: बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया द्वारा एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के नौ प्रखंडों से कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का मुख्य विषय “फसल उत्पादन में समेकित पोषक प्रबंधन” था, जिसमें प्रतिभागियों को मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, फसल की गुणवत्ता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर गहन जानकारी दी गई।

उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे कृषि विशेषज्ञ
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजीत कुमार, डॉ. आफताब आलम, डॉ. नरेश कुमार और डॉ. सुमन कुमारी उपस्थित रहे। विशेषज्ञों ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देगा, बल्कि उन्हें स्वरोजगार की दिशा में भी प्रेरित करेगा।

समेकित पोषक प्रबंधन पर दिया गया विशेष जोर
डॉ. संजीत कुमार ने कहा कि समेकित पोषक प्रबंधन मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने और उत्पादकता बढ़ाने का एक प्रभावशाली तरीका है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को जैविक और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग, मिट्टी की जांच, वर्मी कम्पोस्ट, जैव उर्वरकों, हरी खाद और फसल चक्र जैसे उन्नत तरीकों से अवगत कराना है।
कृषि आधारित स्वरोजगार के लिए तैयार होंगे युवा
डॉ. आफताब आलम ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को कृषि आधारित उद्यमिता की ओर ले जाएंगे, जिससे वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशिक्षण के दौरान युवाओं ने खेती की नई-नई तकनीकों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की और भविष्य में इन तकनीकों को अपने खेतों में अपनाने की इच्छा जताई।
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को बताया उपयोगी
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले युवाओं ने इसे बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने कहा कि अब वे वैज्ञानिक तरीके से खेती कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और स्वरोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
निष्कर्ष:
कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। ऐसे प्रयास न केवल युवा शक्ति को सही दिशा देंगे बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगे।
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