किशनगंज जिले के मोतिहारा इलाके में स्थित एक मदरसे में 12 वर्षीय छात्र की हत्या के सनसनीखेज मामले को पुलिस ने मात्र दो दिनों के भीतर सुलझा लिया है। इस गंभीर घटना से पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है, लेकिन पुलिस की तत्परता और सटीक कार्रवाई से न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।

घटना का खुलासा
घटना 2 अगस्त को सामने आई जब मदरसे के पीछे स्थित कब्रिस्तान से एक छात्र का शव बरामद हुआ। मृतक की उम्र महज 12 वर्ष थी और वह मोतिहारा मदरसे में पढ़ाई कर रहा था। शव मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और परिजनों समेत स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया।

जांच में आई तेजी
घटना की गंभीरता को देखते हुए किशनगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सागर कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डाटा और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया।

दो नाबालिग आरोपी गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले, जिसके आधार पर दो नाबालिग छात्रों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त धारदार चाकू के साथ-साथ कुछ अन्य सामान भी बरामद किया है, जो अपराध से जुड़ा हुआ है।
निष्पक्ष जांच और अगली कार्रवाई
एसपी सागर कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष और वैज्ञानिक ढंग से जांच की गई है। सभी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार नाबालिग आरोपियों को किशोर न्याय अधिनियम के तहत किशोर न्याय परिषद में प्रस्तुत किया जाएगा।
इलाके में फैला तनाव
इस घटना ने मोतिहारा और आसपास के इलाकों में दहशत और चिंता का माहौल बना दिया है। लोगों की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और ऐसे संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाना या पुलिस कंट्रोल रूम को दें।
यह मामला एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा, खासकर शैक्षणिक संस्थानों में, को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। किशनगंज पुलिस की त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है, लेकिन आने वाले समय में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सामूहिक जागरूकता और संस्थागत सतर्कता भी आवश्यक है।
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