पटना AIIMS में जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का आज चौथा दिन है। यह हड़ताल राजद विधायक चेतन आनंद और अस्पताल कर्मियों के बीच हुए विवाद को लेकर की जा रही है। हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है, खासकर उन पर जो दूरदराज़ से इलाज के लिए आए थे।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 30 जुलाई की रात करीब 11:30 बजे विधायक चेतन आनंद अपनी पत्नी के साथ AIIMS में किसी परिचित मरीज को देखने पहुंचे थे। विधायक का आरोप है कि अस्पताल में उनके और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार हुआ, मारपीट की गई और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया।
वहीं दूसरी ओर, AIIMS के सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि विधायक के बॉडीगार्ड हथियार लेकर अस्पताल परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो विवाद बढ़ गया। डॉक्टर्स और गार्ड्स का आरोप है कि उन्हें धमकाया गया और सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट की गई।

हड़ताल के चलते चिकित्सा सेवाएं ठप
विवाद के बाद से जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। रविवार तक 85 ऑपरेशन टाल दिए गए थे, और अब यह संख्या बढ़कर 150 से अधिक हो गई है। साथ ही IPD और OPD सेवाएं भी पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं।
मरीजों को इलाज के बिना लौटना पड़ रहा है। अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है। कई मरीज जिन्हें सर्जरी या नियमित जांच की ज़रूरत थी, अब भटक रहे हैं।

डॉक्टर्स का विरोध और मांगें
सोमवार को डॉक्टरों ने “वी वॉन्ट जस्टिस”, “विधायक तुम माफी मांगो” और “सुरक्षा नहीं तो सेवा नहीं” जैसे नारों के साथ अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक डॉक्टर या एक गार्ड का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे चिकित्सा समुदाय की गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
उनकी प्रमुख मांग है कि विधायक चेतन आनंद द्वारा दर्ज कराई गई FIR को वापस लिया जाए और उन्हें इस घटना पर माफी मांगनी चाहिए।
डॉक्टर्स ने कहा, “हम चाहते हैं कि व्यवस्था सामान्य हो, लेकिन हम पर ही हर बार सारा बोझ डाल दिया जाता है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेंगे।”
अन्य अस्पतालों से भी समर्थन
AIIMS पटना के इस आंदोलन को अब राजधानी के अन्य अस्पतालों से भी समर्थन मिल रहा है। PMCH और IGIMS के डॉक्टरों ने भी काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध शुरू किया है, जिससे यह हड़ताल अब राज्यव्यापी चिकित्सा आंदोलन का रूप लेती जा रही है।
राजनीतिक हलचल भी तेज
इस बीच, विधायक चेतन आनंद अपने पिता और पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर चुके हैं, जिससे इस मामले को राजनीतिक रंग मिलने लगा है। अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस मध्यस्थता नहीं हुई है।
निष्कर्ष
AIIMS जैसे शीर्ष संस्थान में चिकित्सकीय सेवाओं का ठप होना आमजन के लिए संकट की स्थिति है। डॉक्टरों की सुरक्षा और गरिमा भी उतनी ही अहम है जितनी मरीजों की सेवा। ऐसे में ज़रूरी है कि सरकार इस विवाद का जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि अस्पताल की सामान्य सेवाएं बहाल हो सकें और आमजन को राहत मिले।
अधिक ताजा खबरों के लिए पढ़ें Jeb News.