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कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद

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बिहार के कटिहार जिले में एक क्रिश्चियन प्रार्थना सभा को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया, जब हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उस सभा को धर्मांतरण का ज़रिया बताते हुए जबरन रुकवा दिया। यह घटना सहायक थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 01, टीवी टावर मोहल्ले में रविवार को घटी, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है।

कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद
कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद

क्या है मामला?

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इलाके में एक घर में क्रिश्चियन समुदाय से जुड़े कुछ लोग नियमित रूप से प्रार्थना सभा का आयोजन कर रहे थे। हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह सभा महज धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सुनियोजित रूप से आदिवासी समुदाय — विशेषकर संथाली परिवारों — का “ब्रेनवॉश” कर उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास था।

हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र हिंदू बहुल है और लंबे समय से यहां इस प्रकार की गतिविधियाँ चल रही हैं, जिनका उद्देश्य लोगों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करना है। उनका कहना है कि प्रार्थना सभाओं की आड़ में आदिवासी समुदाय को धीरे-धीरे ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद
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सभा के आयोजकों की सफाई

वहीं, प्रार्थना सभा में मौजूद महिलाओं — गुंजिया उरांव, राजों उरांव और सरिता उरांव — ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं पहले से ईसाई धर्म का पालन कर रही हैं और यह सभा केवल प्रभु यीशु की आराधना के लिए आयोजित की गई थी। उनका कहना है कि किसी पर धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं डाला गया, बल्कि यह उनकी निजी धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला है।

गुंजिया उरांव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हम तो हर रविवार प्रभु यीशु की प्रार्थना करते हैं। ये हमारी श्रद्धा है। इसमें किसी को जबरदस्ती शामिल नहीं किया गया है।”

कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद
कटिहार में क्रिश्चियन प्रार्थना सभा पर विवाद

स्थिति बिगड़ते ही पहुँची पुलिस

जब सभा को रोका गया, तो वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया, जिससे मौके पर तनाव बढ़ गया। हंगामे की सूचना मिलते ही सहायक थाना की पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। एहतियात के तौर पर पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। प्राथमिक तौर पर यह कहना मुश्किल है कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

इलाके में सतर्कता बढ़ाई गई

पुलिस ने कहा कि फिलहाल इलाके में शांति है लेकिन तनाव बना हुआ है। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। जिला प्रशासन ने सभी समुदायों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।

हिंदू संगठन की चेतावनी

इस बीच हिंदू संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में इस तरह की गतिविधियाँ दोबारा होती हैं तो वे सड़कों पर उतरकर कड़ा विरोध करेंगे। संगठन के एक स्थानीय प्रतिनिधि ने कहा, “यह हमारे धर्म और संस्कृति पर सीधा हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रशासन को जल्द से जल्द इन गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए।”


निष्कर्ष:

कटिहार में उत्पन्न यह स्थिति एक बार फिर धर्मांतरण और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन की बहस को उजागर करती है। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर तय होगी। फ़िलहाल जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति न बनने दी जाए।

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