पूर्णिया: स्वतंत्रता दिवस की शाम जब पूरा देश आज़ादी का जश्न मना रहा था, उसी समय पूर्णिया में बदमाशों के दो गुटों के बीच खुलेआम गोलीबारी ने शांति और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। मरंगा थाना क्षेत्र के माधोपारा स्थित बंगाली टोला में करीब 7 से 8 राउंड गोलियां चलाई गईं, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में एक 15 वर्षीय किशोर गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) में भर्ती कराया गया है।

क्या है पूरा मामला?
यह वारदात शुक्रवार देर शाम उस समय घटी जब स्थानीय निवासी और मूल रूप से नवगछिया (भागलपुर) के रहने वाला करण कुमार, जो कि अपने परिवार के साथ नेवालाल चौक स्थित बंगाली टोला में किराए के मकान में रहता है, साइकिल से बाजार से सब्जी खरीदकर लौट रहा था। घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर दो कारें आमने-सामने आकर रुकीं, और उनमें सवार बदमाशों ने एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

भागने के दौरान लगी गोली, लेकिन नहीं हारी हिम्मत
करण ने बताया कि जैसे ही उसने फायरिंग की आवाज सुनी, वह जान बचाने के लिए भागने लगा। लेकिन इसी दौरान एक गोली उसके पैर में आकर लग गई। घायल होने के बावजूद उसने साहस नहीं छोड़ा और किसी तरह खून से लथपथ हालत में अपने घर तक पहुंचा। परिजनों ने बिना देरी किए तुरंत उसे GMCH पहुंचाया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
इलाके में मची दहशत, प्रशासन सतर्क
गोलीबारी की खबर फैलते ही इलाके में दहशत का माहौल बन गया। लोग अपने घरों में दुबक गए और बाजार की दुकानें अचानक बंद हो गईं। घटना की सूचना पर सदर एसडीपीओ तत्काल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने आसपास के लोगों से बात कर वारदात की जानकारी ली और फिर GMCH पहुंचकर घायल करण से मुलाकात की।
सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस, जांच कई एंगल से जारी
सदर एसडीपीओ ने बताया कि घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि गोलीबारी में शामिल बदमाशों की पहचान की जा सके। फिलहाल गोलीबारी के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस इसे आपसी गैंगवार मानकर हर संभावित पहलू से जांच कर रही है।
स्थानीय लोगों की मांग – बढ़ाई जाए सुरक्षा
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पहले भी कई आपराधिक वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है। निवासियों ने प्रशासन से क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना ने यह जरूर जता दिया है कि बदमाशों के हौसले कितने बुलंद हैं कि वह सार्वजनिक जगहों पर बेखौफ फायरिंग करने से भी नहीं चूकते। सवाल यह भी है कि आम लोगों की सुरक्षा कब और कैसे सुनिश्चित होगी?
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