देशभर में काले धन और अवैध वित्तीय लेन-देन के खिलाफ आयकर विभाग की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई के तहत आयकर विभाग ने बिहार, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक साथ करीब 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।

किशनगंज में सबसे बड़ी छापेमारी: 108 गाड़ियों में पहुंची टीम
इस व्यापक ऑपरेशन की सबसे बड़ी कार्रवाई बिहार के किशनगंज जिले में देखने को मिली, जहां सुबह 7 बजे के करीब 108 गाड़ियों में सवार होकर 200 से ज्यादा आयकर अधिकारी पहुंचे। यह कार्रवाई प्रमुख उद्योगपति जयकरण दफ्तरी से जुड़ी करीब 18 संपत्तियों पर की गई, जिनमें उनकी फर्म, मॉल, होटल, फर्नीचर शोरूम और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल थे।
छापेमारी के प्रमुख स्थानों में नेमचंद रोड, भगत टोली, धर्मशाला रोड, पश्चिमपाली आदि इलाके शामिल हैं। दफ्तरी समूह का कारोबार मॉल, कपड़ा, फर्नीचर, होटल, वाहन बिक्री और चाय बागान जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।

कटिहार में भी कार्रवाई: मक्का कारोबारी के 12 ठिकानों पर रेड
इसी अभियान के तहत कटिहार जिले के सेमापुर निवासी मक्का कारोबारी राजेश चौधरी के आवास और कई गोदामों पर भी एक साथ छापा मारा गया।
आयकर विभाग की टीम ने कटिहार के साथ-साथ कुर्सेला, नवगछिया (भागलपुर), खगड़िया और अन्य इलाकों में फैले 12 गोदामों पर एक साथ कार्रवाई की।
राजेश चौधरी इलाके के एक प्रभावशाली व्यापारी माने जाते हैं और मक्का व्यापार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आयकर विभाग उनकी संपत्तियों और दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है।

अन्य राज्यों में भी छापेमारी
बिहार के साथ-साथ आयकर विभाग की टीमें गुजरात के सूरत, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी, और राजस्थान के थरूर में भी सक्रिय रहीं। इन सभी स्थानों पर संबंधित व्यापारियों के परिवार लंबे समय से रह रहे हैं और वहां भी कारोबारी गतिविधियों की जांच की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, मीडिया कवरेज पर रोक
इस बड़े ऑपरेशन के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
मीडियाकर्मियों ने जब घटनास्थलों का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो अधिकारियों ने उनसे फुटेज डिलीट करवा दिए। कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय रखा गया।
अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
इस कार्रवाई को लेकर आयकर विभाग या किसी केंद्रीय एजेंसी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह छापेमारी कथित अवैध वित्तीय लेन-देन, टैक्स चोरी और संपत्ति से जुड़े घोटालों के खिलाफ की गई है।
स्थानीय स्तर पर हलचल, कारोबारियों में हड़कंप
इस छापेमारी से स्थानीय कारोबारी समुदाय में हड़कंप मच गया है। लोग इसे भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ बड़ी पहल के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कई व्यापारियों और आम लोगों ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए इसे पारदर्शिता की दिशा में जरूरी कदम बताया।
निष्कर्ष:
चार राज्यों में एक साथ हुई यह आयकर कार्रवाई देश के वित्तीय तंत्र में काले धन और टैक्स चोरी के खिलाफ चल रही केंद्र सरकार की सख्ती को दर्शाती है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से जुड़े और भी खुलासे हो सकते हैं।
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