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अररिया में साइबर ठगी का पर्दाफाश: युवक गिरफ्तार

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अररिया जिले में साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है। सोनामनी गोदाम ओपी पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से साइबर अपराध में संलिप्त एक युवक को पकडेरा चौक से धर दबोचा। आरोपी की पहचान मोहन कुमार मिश्र के रूप में हुई है, जो कुर्साकांटा प्रखंड के सिझुआ गांव का निवासी बताया जा रहा है। पुलिस ने उसके पास से ₹89,075 नकद, तीन मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, एक पैन कार्ड और एक बाइक बरामद की है।

अररिया में साइबर ठगी का पर्दाफाश: युवक गिरफ्तार
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कैसे हुआ पर्दाफाश?

सूत्रों के अनुसार, मोहन कुमार एक सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) सेंटर पर नकद रुपए निकालने आया था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगने पर सीएसपी संचालक और स्थानीय लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

अररिया में साइबर ठगी का पर्दाफाश: युवक गिरफ्तार
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साइबर ठगी के तरीके का हुआ खुलासा

जांच में बड़ा खुलासा तब हुआ जब आरोपी मोहन ने बताया कि वह साइबर ठगी के माध्यम से लोगों से ठगे गए पैसे को अलग-अलग सीएसपी खातों में जमा कराकर नकद निकालता था, और इसके बदले उसे चार प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। पुलिस अधिकारियों ने इसे साइबर ठगों के लिए काम करने वाले एक ‘रनर’ का काम बताया है।

अररिया में साइबर ठगी का पर्दाफाश: युवक गिरफ्तार
अररिया में साइबर ठगी का पर्दाफाश: युवक गिरफ्तार

गिरोह में और भी लोग शामिल

मोहन ने पूछताछ में बताया कि इस गिरोह में उसका एक सहयोगी साकिब, जो कि कुर्साकांटा के कमलदाहा गांव का रहने वाला है, भी शामिल है। साकिब के बैंक खाते का इस्तेमाल साइबर ठगी की राशि जमा करने के लिए किया जाता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीन दिन पहले साकिब के मोबाइल नंबर से ही पकडेरा चौक के एक सीएसपी संचालक के खाते से अवैध रूप से पैसे निकाले गए थे, जिससे उसका खाता होल्ड हो गया था।

फ्रॉड की दोबारा कोशिश में धराया आरोपी

पुलिस ने बताया कि मोहन और साकिब, दोनों मिलकर दोबारा उसी सीएसपी सेंटर से ठगी की गई राशि निकालने आए थे, लेकिन इस बार सीएसपी संचालक सतर्क था। मोहन को पकड़ लिया गया, जबकि साकिब मौके से फरार हो गया।

आपराधिक इतिहास और कानूनी कार्रवाई

मोहन कुमार पर पहले से ही दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने इस ताजा मामले में आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, फरार आरोपी साकिब की तलाश जारी है और पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

साइबर डीएसपी ने की पुष्टि

साइबर डीएसपी रजिया सुल्ताना ने इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक संगठित साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जिसमें लोकल स्तर पर काम करने वाले एजेंट कमीशन पर रकम निकालते हैं। जांच के दायरे को और बढ़ाया जा रहा है ताकि पूरे नेटवर्क को उजागर किया जा सके।


निष्कर्ष:

यह घटना न सिर्फ साइबर ठगों की बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि लोकल एजेंटों और सीएसपी ऑपरेटरों के माध्यम से यह नेटवर्क किस तरह काम करता है। ऐसे मामलों में स्थानीय लोगों की सतर्कता और पुलिस की तत्परता की सराहना की जानी चाहिए, जिससे एक और बड़ा साइबर फ्रॉड टल गया।

पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि ऐसे अपराधों पर समय रहते रोक लगाई जा सके।

अधिक अपडेट के लिए पढ़ें Jeb News

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