किशनगंज (बिहार) — बिहार के किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड अंतर्गत भाटाबाड़ी पंचायत के सीतागाछ गांव में कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समुदाय के बीच वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान देशभर में 15 सितंबर से शुरू हुआ है और 15 अक्टूबर तक चलेगा। कांग्रेस का आरोप है कि देश के लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है और मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
किशनगंज में कांग्रेस का वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान तेज़
“लोकतंत्र खतरे में, वोट चोरी के खिलाफ आवाज़ जरूरी” — कांग्रेस
अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता आदिवासी समुदाय के बीच जाकर उन्हें वोट के महत्व और कथित ‘वोट चोरी’ के खतरों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मौजूदा शासन में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोट को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया जा रहा है।
इस मौके पर कांग्रेस नेता इमरान आलम ने कहा,
“यह केवल हस्ताक्षर अभियान नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जन आंदोलन है। हमने आदिवासी समुदाय को ‘गुलदस्ता अभियान’ के माध्यम से कांग्रेस की भावी योजनाओं से अवगत कराया है।”
किशनगंज में कांग्रेस का वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान तेज़
कांग्रेस की लोकलुभावन घोषणाएं: हर घर को अधिकार योजना
इमरान आलम ने यह भी बताया कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो पार्टी निम्न योजनाएं लागू करेगी:
हर घर को मिलेगा अधिकार, जिसके तहत
₹2500 प्रति माह की सहायता
200 यूनिट मुफ्त बिजली
₹25 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा
भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल जमीन
उन्होंने कहा कि ये योजनाएं विशेषकर गरीब, आदिवासी और वंचित तबकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।
किशनगंज में कांग्रेस का वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान तेज़
बहादुरगंज सीट को लेकर महागठबंधन में घमासान
हस्ताक्षर अभियान के साथ-साथ बहादुरगंज विधानसभा सीट को लेकर महागठबंधन में टकराव की स्थिति भी सामने आई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दावा है कि बहादुरगंज कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है, जहां से पार्टी ने आजादी के बाद अब तक दस बार जीत दर्ज की है।
वर्तमान में यह सीट राजद विधायक अंजार नयमी के पास है, जो 2020 में एआईएमआईएम (AIMIM) के टिकट पर जीतकर बाद में राजद में शामिल हो गए। राजद इस सीट को अब अपनी मान रहा है, जिससे कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर तनाव गहराता जा रहा है।
इमरान आलम ने इस संदर्भ में कहा:
“हमारी मांग स्पष्ट है — बहादुरगंज कांग्रेस की सीट है और उसे हमारे ही खाते में जाना चाहिए। यहां के लोग कांग्रेस से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं।”
किशनगंज में कांग्रेस का वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान तेज़
दिल्ली से पहुंचे AICC प्रतिनिधि ने दिया समर्थन
अभियान के दौरान दिल्ली से आए एआईसीसी (AICC) प्रतिनिधि ने भी बहादुरगंज सीट को लेकर कांग्रेस नेताओं की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि:
“स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावना और ऐतिहासिक तथ्य दोनों इस मांग को सही ठहराते हैं। बहादुरगंज का कांग्रेस से पुराना और मजबूत संबंध रहा है। हम इस मुद्दे को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाएंगे और महागठबंधन में समन्वय बनाए रखने का प्रयास करेंगे।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा महिलाओं को दिए जाने वाले दस हजार रुपये की घोषणा केवल कागज़ी साबित हुई है।
“हमने आदिवासी महिलाओं से बात की — अभी तक उन्हें कोई राशि नहीं मिली है।”
महागठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा
बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों और सीट को लेकर मचते घमासान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन एकजुट रह पाएगा या बहादुरगंज जैसी सीटें अंदरूनी मतभेदों को और गहरा करेंगी।