अररिया, बिहार – जिले में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। लगातार हो रही बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्रों से पानी की तीव्र आमद के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि कोसी नदी का डिस्चार्ज 4 लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है — जो इस सीजन का अब तक का सबसे अधिक बहाव है।
कोसी नदी, जिसे “बिहार की शोक” भी कहा जाता है, हर साल मानसून के दौरान अपने विकराल रूप के लिए कुख्यात रही है। इस बार भी स्थिति बेहद संवेदनशील होती जा रही है।

प्रशासन सतर्क, अधिकारियों का स्थल निरीक्षण जारी
बाढ़ की आशंका को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। अररिया के अंचलाधिकारी (सीओ) अजय कुमार ने रविवार को शहर से सटे परमान नदी के जलस्तर का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि नेपाल में भारी बारिश और कोसी बैराज से छोड़े जा रहे पानी का सीधा असर अररिया की नदियों पर देखने को मिल रहा है। परमान नदी समेत कई छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से ऊपर जा रहा है।
सीओ अजय कुमार ने बताया, “हम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। जिन क्षेत्रों में पानी घुसने की आशंका है, वहां पहले से ही चेतावनी जारी कर दी गई है। लोग घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क जरूर रहें।”

जोकीहाट, सिकटी और कुर्साकांटा में बाढ़ की संभावना
कोसी बैराज से छोड़े गए पानी का असर जोकीहाट, सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंडों में सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है। इन क्षेत्रों के कई गांव निचले इलाकों में स्थित हैं, जो बाढ़ की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। प्रशासन ने इन गांवों में सुरक्षा और राहत कार्यों की तैयारी तेज कर दी है।
अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में ऊंचे और सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

जिला नियंत्रण कक्ष सक्रिय, विभागों को दिए निर्देश
जिला प्रशासन ने एक बार फिर से जनता से अपील की है कि वे किसी भी भ्रामक या संदिग्ध जानकारी पर भरोसा न करें और तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित करें। कंट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय कर दिया गया है।
वहीं, संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य, आपूर्ति, सिंचाई, जल संसाधन, नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश हैं कि बिना देरी त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
राहत कार्यों की तैयारी शुरू
जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए राहत शिविरों की संभावित जगहों की पहचान शुरू कर दी है। इन शिविरों में जरूरत पड़ने पर लोगों को अस्थायी रूप से शरण दी जाएगी।
इसके साथ ही, नाव, जेसीबी, ड्राई राशन, पीने के पानी, प्राथमिक चिकित्सा, जीवन रक्षक दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर वे राहत और बचाव कार्यों में लग सकें।
मौसम पर टिकी हैं उम्मीदें
अभी तक हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, लेकिन अगर बारिश यूं ही जारी रही, तो स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में नेपाल और बिहार के सीमावर्ती जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
प्रशासन की नजरें अब अगले दो दिनों के मौसम पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि अररिया में बाढ़ एक आपदा में बदलेगी या नियंत्रण में रहेगी।
निष्कर्ष:
अररिया जिले में फिलहाल बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है, लेकिन जनता की सतर्कता और सहयोग ही इस संकट को कम कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, अफवाहों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को तुरंत सूचित करें।











