आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से किशनगंज जिला प्रशासन ने कड़े एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिला पदाधिकारी विशाल राज के निर्देश पर जिले में हथियार जमा कराने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
इस संबंध में जिला पदाधिकारी ने आदेश जारी कर सभी हथियार लाइसेंसधारियों को अपने-अपने संबंधित थानों में हथियार जमा कराने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग के “हैंडबुक फॉर पुलिस ऑफिसर्स 2023” की कंडिका 3.6.1 के तहत की जा रही है।

अपराधियों और संदिग्धों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
प्रशासन ने साफ किया है कि जिन व्यक्तियों का अपराधिक रिकॉर्ड है, जिन पर दंगा या चुनावी हिंसा के मामले दर्ज हैं या जो जमानत पर रिहा हैं, उनके शस्त्र अनिवार्य रूप से जमा कराए जाएंगे। सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के प्रत्येक लाइसेंसधारी की सूची तैयार करें और सुनिश्चित करें कि सभी हथियार समय पर थाने में जमा हों।

अपवाद सूची में 51 लाइसेंसधारी
हालांकि, जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन व्यक्तियों को वास्तविक सुरक्षा खतरा है, उनके लिए अपवाद का प्रावधान रखा गया है। ऐसे लोग पुलिस अधीक्षक सागर कुमार के माध्यम से अपने प्रस्ताव जमा कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक की सिफारिश पर अब तक 51 शस्त्रधारियों को अपवाद सूची में रखा गया है।
इन व्यक्तियों को हथियार जमा करने से अस्थायी छूट दी गई है, लेकिन इस शर्त पर कि वे चुनाव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार से हथियार का दुरुपयोग नहीं करेंगे। यदि किसी अपवाद सूची में शामिल व्यक्ति द्वारा हथियार का गलत इस्तेमाल या धमकी देने जैसी गतिविधि की शिकायत मिली, तो उसका लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा और शस्त्र अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निगरानी और रिपोर्टिंग की सख्त व्यवस्था
प्रशासन ने अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के थानों में जमा किए गए हथियारों की सतत निगरानी करें और इसकी रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को नियमित रूप से भेजें।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि चुनाव के दौरान हिंसा या भय का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा,
“शस्त्र जमा अभियान का उद्देश्य विधि-व्यवस्था को और सुदृढ़ करना है ताकि आम मतदाता बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। यह कदम निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”
निष्कर्ष
किशनगंज जिला प्रशासन की यह कार्रवाई बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने और संभावित हिंसक घटनाओं को रोकने की दिशा में एक सख्त और रणनीतिक कदम माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा, ताकि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अवैध गतिविधि या हथियारों के दुरुपयोग की संभावना पूरी तरह समाप्त की जा सके।
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