पूर्णिया: जिले में नेत्रदान की मुहिम ने एक बार फिर से लोगों के जीवन में आशा और रोशनी का संचार किया है। अगस्त 2024 से लेकर फरवरी 2025 तक 5 लोगों ने अपनी दोनों आंखें दान की, जिससे 15 लोगों को अपनी खोई हुई रोशनी वापस मिली। यह सफलता 2020 में शुरू की गई नेत्रदान मुहिम का हिस्सा है, और इस समय तक कुल 24 अंधे लोगों के जीवन में रोशनी लौट आई है।
नेत्रदान की इस पहल में शामिल लोगों में शहर के प्रसिद्ध सर्जन और कारोबारी परिवारों के सदस्य भी शामिल हैं। इन लोगों ने अंधेपन की पीड़ा को महसूस करते हुए, अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करने का संकल्प लिया। इनके परिवारों ने भी इस संकल्प को पूरा किया और नेत्रदान की इच्छा को शांति से पूरा किया।
नेत्रदान और अंगदान के प्रति बढ़ता जन जागरूकता
इस मुहिम को बढ़ावा देने के लिए दधीचि देहदान समिति ने विशेष प्रयास किए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 300 लोगों ने नेत्रदान और अंगदान में अपनी रुचि जताई है। इनमें से एक ही परिवार के 12 सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने नेत्रदान का संकल्प लिया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग अब नेत्रदान और अंगदान के महत्व को समझने लगे हैं और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए तैयार हैं।
समाज में बदलाव की उम्मीद
पूर्णिया में नेत्रदान से जुड़ी इस मुहिम ने न केवल अंधेपन के शिकार लोगों की जिंदगी को रोशन किया, बल्कि समाज में नेत्रदान और अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। इस पहल ने यह संदेश दिया है कि एक छोटी सी दान की पहल किसी का जीवन बदल सकती है।
आगे की दिशा
समिति के सदस्य और स्वास्थ्य अधिकारी इस मुहिम को और भी प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में और लोग इस पहल से जुड़ेंगे और अधिक लोगों की जिंदगी रोशन होगी। पूर्णिया की यह मुहिम एक उदाहरण है कि किस तरह सामूहिक प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।