पूर्णिया जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां मां के अंतिम संस्कार को लेकर भाई-बहन के बीच 16 घंटे तक विवाद हुआ। इस विवाद के बाद मामला सदर थाना पुलिस तक पहुंचा, और पुलिस को मामले को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
यह घटना उस समय सामने आई जब मृतक महिला के बच्चों के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को लेकर असहमति हो गई। दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ने पर पुलिस को सूचना मिली और एसआई परशुराम साह की अगुवाई में पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत करने की कोशिश की। पुलिस ने समझाने-बुझाने के प्रयास किए, लेकिन विवाद में कोई समाधान नहीं निकल पाया।

पुलिस ने अंततः सख्ती दिखाते हुए शव को सतडोव भेजने का आदेश दिया, जहां दिलीप शर्मा ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। पुलिस का यह कदम विवाद को शांत करने के लिए उठाया गया था, लेकिन मृतका के अन्य बच्चों ने पुलिस के फैसले पर नाराजगी जाहिर की।

मृतका के अन्य बच्चों ने दावा किया कि जब तीनों भाई-बहन इस पर एकमत थे, तो पुलिस ने एकतरफा निर्णय क्यों लिया। उनका आरोप था कि मामले में पुलिस ने पक्षपाती रवैया अपनाया और बिना सभी को सही तरीके से सुने एक पक्ष का समर्थन किया। इस मामले में परिजनों का कहना था कि पुलिस का फैसला उनके खिलाफ था, जबकि सभी भाई-बहन एकसाथ थे और उन्होंने मिलकर अंतिम संस्कार की योजना बनाई थी।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने सख्त कदम उठाया था और जांच जारी रखी जाएगी। मामले की पूरी जांच के बाद यह स्पष्ट किया जाएगा कि पुलिस का निर्णय सही था या नहीं।
इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में पुलिस को और अधिक धैर्य और समझदारी से काम करना चाहिए ताकि किसी भी पक्ष को नाहक नुकसान न पहुंचे। पुलिस प्रशासन ने बताया कि वे इस मामले में न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
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