पूर्णिया जिले के कृत्यानंद नगर थाना क्षेत्र में एक किसान की करंट लगने से मौत हो गई। यह हादसा सोनगढ़ा बहियार के समीप खेत में पटवन के दौरान हुआ। मृतक किसान की पहचान काझा पंचायत के वार्ड 17 काझा गांव निवासी 64 वर्षीय सदानंद उर्फ साधु मंडल के रूप में हुई है।
घटना के अनुसार, सदानंद मंडल रोजाना की तरह अपने खेत में पटवन कर रहे थे। इस दौरान उनका पैर खेत में गिरे एक नंगे बिजली के तार से संपर्क में आ गया, जिससे उन्हें जोरदार करंट लगा और वह बेहोश होकर गिर पड़े। उनके गिरने के बाद कुछ देर तक उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक किसान की मौत हो चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच पूर्णिया भेज दिया।

परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश
किसान की मौत से आक्रोशित परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने बिजली विभाग को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से खेत में बिजली के खंभे लगाने की मांग की गई थी, लेकिन विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बजाय खेत में बांस के सहारे नंगे तार लाए गए थे, जो इस हादसे का कारण बने।
मृतक किसान के परिजनों, शंभू मंडल, कन्हैया राम, रामसेवक मंडल और दशरथ मंडल ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग ने उनकी बार-बार की मांगों को अनदेखा किया, जिसके परिणामस्वरूप यह हादसा हुआ। उन्होंने बिजली विभाग से मुआवजे की मांग की है और यह भी कहा कि यदि विभाग ने समय रहते खेत में खंभे नहीं लगाए होते तो यह हादसा नहीं होता।

स्थानीय लोग भी नाराज
स्थानीय लोगों ने इस घटना को गंभीर रूप से लिया है और बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इस तरह के खतरनाक नंगे तार पहले भी परेशानी का कारण बने हैं, और अब एक किसान की मौत के बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है।
किसान की मौत ने स्थानीय समाज में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।

मुआवजे की मांग
परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि इस दर्दनाक घटना के लिए बिजली विभाग पूरी तरह जिम्मेदार है, और वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
अधिक नवीनतम समाचारों के लिए पढ़ें JebNews