जन स्वराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस साल ईद-उल-फितर के अवसर पर किशनगंज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने शहर के अंजुमन इस्लामिया में ईद की नमाज अदा की और बाद में मुस्लिम समुदाय से मिलकर उन्हें ईद की शुभकामनाएं दी।

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत करते हुए वक्फ बिल पर अपनी स्पष्ट स्थिति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे इस बिल के खिलाफ हैं और उनका मानना है कि किसी भी कानून को लागू करने से पहले उस समुदाय को विश्वास में लिया जाना चाहिए जिसे वह प्रभावित करेगा। उनका कहना था कि मुसलमानों के साथ जो वादे किए गए हैं, उन्हें निभाना चाहिए और उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।

किशोर ने इस मुद्दे को किसान आंदोलन से जोड़ते हुए कहा कि जब किसानों ने नए कृषि कानूनों का विरोध किया, तो सरकार ने उसे वापस ले लिया। उन्होंने उदाहरण दिया कि अगर मुस्लिम समाज वक्फ बिल को स्वीकार नहीं करता, तो उसे भी वापस लिया जाना चाहिए। उनका यह कहना था कि बिना जनसामान्य के समर्थन के कोई भी कानून लागू नहीं किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए प्रशांत किशोर ने राज्य में नीतीश कुमार की सरकार के प्रभाव को कम होते हुए बताया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नीतीश कुमार का राजनीतिक प्रभाव घटा है और वे मानसिक रूप से थक चुके हैं। किशोर का आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने नीतीश कुमार को केवल एक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया है और बिहार की सरकार अब दिल्ली से नियंत्रित हो रही है।

प्रशांत किशोर का यह दौरा न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि बिहार की राजनीति में उनकी सक्रियता को भी दर्शाता है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के साथ भाईचारे का संदेश दिया और राज्य की राजनीति पर अपनी नजरें और दृष्टिकोण पेश किया।
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