कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के 20वें दिन कार्यक्रम के मुख्य आयोजक कन्हैया कुमार की अनुपस्थिति ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। शुक्रवार सुबह 9:30 बजे राजेंद्र आश्रम से शुरू हुई यह यात्रा कटिहार शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गंज स्थित राज गार्डन तक पहुंची। यात्रा का उद्देश्य बिहार में पलायन की समस्या को रोकने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग करना था।

युवाओं ने बेड़ियां पहनकर किया प्रतीकात्मक विरोध
यात्रा में बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा समूह सबसे आगे रहा। इन युवाओं ने प्रतीकात्मक विरोध करते हुए बेड़ियां पहनी थीं, जो उनके पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ असंतोष को दर्शाता था। यात्रा पानी टंकी चौक से होती हुई एमजी रोड, शहीद चौक, जेपी चौक होते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंची।

कन्हैया कुमार की अनुपस्थिति पर नाराजगी
यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार की अनुपस्थिति ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा की। हालांकि, कार्यक्रम अपने निर्धारित समय और तरीके से आगे बढ़ता रहा। कन्हैया कुमार की अनुपस्थिति पर कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की, लेकिन कार्यक्रम का संचालन बिना किसी व्यवधान के चलता रहा।

सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता और जनसभा
यात्रा के बाद, कांग्रेस नेताओं ने सर्किट हाउस में दोपहर 2:30 से 3:15 बजे तक प्रेस वार्ता आयोजित की। इस दौरान उन्होंने राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की, ताकि बिहार के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। कांग्रेस नेताओं ने राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे पर जोर दिया और विशेषकर दूसरे राज्यों में काम करने गए बिहार के बेरोजगार युवाओं के कथित अपमान पर चिंता जताई।
इसके बाद यात्रा ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र से होकर खेरिया हाट पहुंचने के बाद जनसभा का आयोजन किया। जनसभा में स्थानीय समस्याओं, खासकर राज्य के बंद पड़ी चीनी मिलों और कटिहार एयरपोर्ट के लंबित विकास कार्यों पर भी चर्चा की गई।

यात्रा का मुख्य उद्देश्य और मुद्दे
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को संगठित करना और पलायन को रोकने के लिए ठोस नीतियों की मांग करना था। इसके अलावा, रोजगार, उद्योगों के विकास, और शिक्षा व्यवस्था में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए जरूरी है कि डोमिसाइल नीति लागू की जाए, ताकि राज्य के लोग ही यहां रोजगार पा सकें।
यात्रा का समापन खेरिया हाट में हुआ, जहां कांग्रेस नेताओं ने एकजुट होकर अपने मुद्दों को उठाया और बिहार के युवाओं के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद जताई।
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