अररिया व्यवहार न्यायालय ने एसएसबी जवान मुरली यादव हत्याकांड में पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 60-60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला सोमवार को न्यायाधीश रवि कुमार की अदालत ने सुनाया।
हत्याकांड का विवरण:
यह घटना 6 सितंबर 2016 की है, जब एसएसबी जवान मुरली यादव की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारे ने शव को नहर में फेंक दिया था, ताकि कोई साक्ष्य न मिले। यह हत्या बाग नगर चौरा खोल शिव मंदिर के पास एबीसी नहर किनारे हुई थी। हत्या के बाद शव को नहर में फेंकने का उद्देश्य था ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
दोषियों की सजा:
अदालत ने लालटू उर्फ अरविंद यादव, अशोक यादव, अशोक साह, नरेंद्र कुमार यादव, और बीरेंद्र मंडल को हत्या के मामले में दोषी ठहराया और इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी आरोपी अररिया जिले के महलगांव और मलहरिया गांव के रहने वाले हैं। मृतक के भाई कन्हैया यादव के बयान के आधार पर 7 सितंबर 2016 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सजा का विवरण:
अदालत ने दोषियों को धारा 302 (हत्या), धारा 120बी (षड्यंत्र) और धारा 201 (सबूत मिटाना) के तहत सजा दी। दोषियों को 5 साल की अतिरिक्त सजा भी दी गई, क्योंकि वे शव को छुपाने की कोशिश में थे। इसके अलावा, प्रत्येक दोषी पर ₹60,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। यदि जुर्माना नहीं भरा गया तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा का सामना करना होगा।
गवाहों के बयान और अभियोजन पक्ष की मांग:
मामले में कुल 14 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने मामले में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी।
इस फैसले से हत्याकांड में न्याय की उम्मीद जताई गई है, हालांकि अभियोजन पक्ष द्वारा फांसी की सजा की मांग पूरी नहीं हो सकी। अब मामले की पूरी जानकारी और दोषियों की सजा के बाद, यह न्याय का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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