निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक सभा के दौरान संविधान की सर्वोच्चता पर बल देते हुए कहा कि भारतीय संविधान उनके लिए किसी भी धार्मिक ग्रंथ से बढ़कर है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की आत्मा और देश के नागरिकों के जीवन का वास्तविक मार्गदर्शक बताया।

“संविधान ही हमारा मार्गदर्शन करेगा”
सभा को संबोधित करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा,
“हमारे लिए संविधान का स्थान गीता, बाइबिल और कुरान से भी ऊपर है। गीता, बाइबिल और कुरान जहां जीवन को सुंदर बनाते हैं, वहीं संविधान हमें जीने का रास्ता दिखाता है। संविधान सर्वोच्च है और संविधान ही हमारा मार्गदर्शन करेगा।”

समानता और न्याय की बात
उन्होंने आगे कहा कि संविधान ही वह आधार है जो हर नागरिक को समानता, न्याय, स्वतंत्रता, और अवसर की समानता सुनिश्चित करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न धर्मों के ग्रंथ जीवन को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सुंदर बनाते हैं, लेकिन संविधान हमें सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से जीने की राह दिखाता है।
लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान
पप्पू यादव ने नागरिकों से अपील की कि वे संविधान के मूल मूल्यों की रक्षा करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में जब लोकतांत्रिक संस्थाओं और अधिकारों पर चुनौतियाँ हैं, ऐसे में संविधान का संरक्षण और पालन पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गया है।
सामाजिक सौहार्द की मिसाल
सांसद के इस बयान को संविधान और धार्मिक सहिष्णुता के बीच संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने न केवल धार्मिक ग्रंथों के महत्व को स्वीकार किया, बल्कि संविधान को जीवन का व्यावहारिक मार्गदर्शक बताते हुए सामाजिक सौहार्द का संदेश भी दिया।
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