कटिहार: कटिहार जिले के डंडखोरा थाना क्षेत्र में शनिवार को एक शराब तस्करी के मामले ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। गिरफ्तार आरोपी को छुड़ाने पहुंचे सैकड़ों लोगों ने थाने पर हमला बोल दिया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना में थाना प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गए, वहीं पुलिस को हालात काबू में करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी।

थाने पर हमला, 6 राउंड फायरिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस ने 26 वर्षीय सुरज कुमार को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी को लेकर करीब 300 लोगों की भीड़ थाने पर जमा हो गई और अचानक हमला कर दिया। पुलिस का कहना है कि यह हमला रायपुर पंचायत के मुखिया और पैक्स अध्यक्ष आलोक चौहान के नेतृत्व में हुआ।
हालात बिगड़ने पर पुलिस को आत्मरक्षा में 6 राउंड फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान थाना प्रभारी ओम प्रकाश महतो, अपर थाना अध्यक्ष अमलेंदु सिंह, एएसआई सुमन कुमार, पीएसआई राजीव कुमार, और अन्य जवान रंजीत कुमार और अखिलेश कुमार शाह घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया है।

गांव छोड़कर भागे लोग, पुलिस की छापेमारी
घटना की सूचना मिलते ही एसडीपीओ सद्दाम हुसैन पुलिस बल के साथ नवादा गांव पहुंचे। वहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन गांव के अधिकतर लोग घर छोड़कर फरार हो चुके थे। पुलिस अब आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए इलाके की घेराबंदी कर रही है।

पैक्स अध्यक्ष की पत्नी ने पुलिस पर लगाया पक्षपात का आरोप
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब पैक्स अध्यक्ष आलोक कुमार की पत्नी आरती कुमारी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “थाने में जो हंगामा हुआ, उससे मेरे पति का कोई लेना-देना नहीं है। वे तो घटना के बाद लोगों के साथ मौके पर गए थे। इसके बावजूद पुलिस ने हमारे घर में घुसकर तोड़फोड़ की, सारा सामान बिखेर दिया, और घर की महिलाओं के साथ गाली-गलौज भी की।”
पुलिस कर रही है जांच, आरोपियों की तलाश जारी
कटिहार पुलिस ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
कटिहार में हुआ यह हमला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और दोषियों को कब तक कानून के शिकंजे में लाया जाता है।
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