बेखौफ जुबां बे बाक अंदाज

Home » त्योहार » किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

Share Now :

WhatsApp

किशनगंज:  मोहर्रम के अवसर पर किशनगंज जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब की अनूठी मिसाल देखने को मिली। मुस्लिम बहुल इस जिले में न सिर्फ मुस्लिम समुदाय ने इस पावन अवसर पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ जुलूस में भाग लेकर सामाजिक समरसता का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।

किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

रविवार को किशनगंज शहर की सड़कों पर मोहर्रम के अवसर पर उत्साह का विशेष माहौल देखा गया। जिले की विभिन्न मोहर्रम कमेटियों की ओर से पारंपरिक ताजिया जुलूस निकाले गए, जिसमें चुड़ी पट्टी यूथ मोहर्रम कमेटी द्वारा आयोजित भव्य जुलूस विशेष रूप से चर्चा का केंद्र रहा। इस जुलूस में हजारों की संख्या में मुस्लिम और हिन्दू समुदाय के लोग शामिल हुए।

किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

जुलूस में शामिल युवाओं ने पारंपरिक हथियारों से लैस होकर लाठी भांजने के करतब दिखाए, जिसे देखने के लिए भारी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। ‘या हुसैन, या हुसैन’ के नारों के बीच श्रद्धा और उत्साह का ऐसा समन्वय देखने को मिला, जिसने जिले के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को और अधिक मजबूत किया।

किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती। जगह-जगह पुलिस बल तैनात था, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।

किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
किशनगंज में मोहर्रम पर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

इस अवसर पर बिहार अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य शिशिर कुमार दास भी मौजूद रहे। उन्होंने जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द की सराहना करते हुए कहा, “किशनगंज में भले ही हिन्दू आबादी लगभग 30 प्रतिशत ही है, लेकिन रामनवमी जैसे पर्वों पर मुस्लिम समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। उसी भावना से हम भी हर वर्ष मोहर्रम में शामिल होकर भाईचारे की भावना को मजबूती देते हैं।”

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता धनंजय जायसवाल, मिक्की साहा सहित कई अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी जिले की सामाजिक समरसता की सराहना करते हुए कहा कि किशनगंज वर्षों से सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करता आ रहा है। “हर वर्ष यहां के लोग एकजुट होकर ऐसे त्योहारों को मनाते हैं, जिससे समाज में भाईचारे का संदेश जाता है।”

इस पूरे आयोजन ने यह साबित कर दिया कि धर्म चाहे कोई भी हो, अगर दिलों में आपसी सम्मान और सहयोग की भावना हो, तो कोई भी पर्व सिर्फ एक समुदाय तक सीमित नहीं रहता। किशनगंज की यह अनूठी मिसाल न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

अधिक ताजा खबरों के लिए पढ़ें Jeb News.

Leave a Comment

error: jantaexpress is copyright content