किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित कूट्टी पंचायत के धनसोना गांव में मत्स्य विक्रय केंद्र पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से एक दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का शुभारंभ विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।

कार्यक्रम के दौरान किसानों को मछली पालन के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी गई। साथ ही, सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं और अनुदानों के बारे में विस्तार से बताया गया। जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रसून प्रभात ने किसानों को मछली उत्पादन बढ़ाने की तकनीकों पर प्रकाश डाला और बताया कि मछली पालन एक कम लागत वाला, लेकिन अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय है। उन्होंने सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी, लोन और अन्य सहायता योजनाओं के बारे में भी जानकारी साझा की, ताकि किसानों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।

इस शिविर में कई जनप्रतिनिधि और मछली पालक किसान भी उपस्थित थे। इसमें बुआलदाह पंचायत के मुखिया अबू नसर, नजरपुर पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य नौशाद कामिल, कूट्टी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नईमुद्दीन, जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह कमलपुर पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि दानिश इकबाल, डेरामारी पंचायत के पूर्व सरपंच सह रहमान फिशरी के संचालक फैजूर रहमान उर्फ मुकर्रम शामिल थे। इन सभी जनप्रतिनिधियों ने किसानों से अपने अनुभव साझा करते हुए मछली पालन को आय का एक बेहतर स्रोत बताया और इसे अपनाने की अपील की।

इस मौके पर मत्स्य प्रसार पदाधिकारी राजेश रंजन, मनोज कुमार, अमरेन्द्र कुमार राजा, राधा मोहन सिंह और राहुल कुमार भी उपस्थित रहे। शिविर में मछली पालन से जुड़ी नई तकनीकों और व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
इस प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने वाले सायक अंजुम, जो इसी क्षेत्र से प्रेरित होकर मछली पालन का व्यवसाय कर रहे हैं, ने बताया कि यह व्यवसाय उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है और वे इसे और बड़े स्तर पर फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने और रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रशिक्षण शिविर के सफल आयोजन से किसानों को मछली पालन के उन्नत तरीकों की जानकारी मिली और वे इस व्यवसाय को अधिक लाभकारी तरीके से अपनाने के लिए प्रेरित हुए। इस मौके पर फार्म संचालक मुजफ्फर कमाल सबा समेत अन्य स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे। इस शिविर का उद्देश्य किसानों को मछली पालन के आधुनिक तरीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना था, जिससे वे इस क्षेत्र में प्रगति कर सकें।
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