अररिया जिले के भारत-नेपाल सीमा से सटे बसमतिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बेला वार्ड संख्या दो में एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश सामने आई है। मंगलवार की देर शाम एक विवादित तख्ती मिलने से क्षेत्र में अचानक तनाव फैल गया। स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटनाक्रम पर गंभीर नाराजगी जताते हुए उग्र प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक युवक को हिरासत में लिया है।

तख्ती पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी
घटना मंगलवार रात की है जब मदरसे से लगभग 300 मीटर पूरब, सड़क किनारे बांस की कमाची में एक विवादित तख्ती टंगी हुई पाई गई, जिसमें मुस्लिम धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द लिखे गए थे। तख्ती के साथ एक आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी लगी हुई थी। जैसे ही ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ी, वे भड़क उठे और बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर प्रदर्शन करने लगे।

पुलिस की तत्परता, युवक हिरासत में
घटना की सूचना मिलते ही बसमतिया थाना पुलिस सक्रिय हुई और मौके पर पहुंचकर तख्ती को हटाने के साथ-साथ तुरंत जांच शुरू की। आधार कार्ड के आधार पर पुलिस ने सुपौल जिला के बीरपुर थाना क्षेत्र के बनेलीपट्टी वार्ड संख्या दो निवासी गोपाल कुमार मेहता, पिता स्व. भगवान मेहता को हिरासत में ले लिया।
युवक को जब थाना लाया गया, तो बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग थाना परिसर पहुंच गए और लगातार तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन करते हुए दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करने लगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की सहायता ली।

अधिकारियों की सक्रियता और शांति बहाली
मामले की जानकारी मिलने के बाद फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा और पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार को सूचित किया गया। फारबिसगंज एसडीपीओ मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
युवक ने खुद को बताया निर्दोष
हिरासत में लिए गए गोपाल कुमार मेहता ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड की फोटोकॉपी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी उनकी लिखावट नहीं है, और यह उनके खिलाफ रची गई साजिश है।
पुलिस का आधिकारिक बयान
फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सड़क किनारे एक तख्ती के साथ आधार कार्ड की फोटोकॉपी पर आपत्तिजनक टिप्पणी लिखी गई थी, जिससे एक पक्ष आक्रोशित हो गया। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और युवक से पूछताछ जारी है।
वहीं, एसपी अंजनी कुमार ने कहा कि यह घटना असामाजिक तत्वों द्वारा सांप्रदायिक माहौल को खराब करने के इरादे से अंजाम दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही जांच पूरी कर दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
जनप्रतिनिधियों की रही अहम भूमिका
तनावपूर्ण स्थिति में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका बेहद अहम रही। लोगों को समझाने-बुझाने में पूर्व जिला पार्षद जहांगीर खान, पूर्व मुखिया राजेंद्र राय, बेला मुखिया जमशेद आलम, बबुआन के मुखिया मो. इमामुद्दीन और सरपंच प्रतिनिधि जवाहर मेहता ने सक्रिय भूमिका निभाई और शांति बहाली में प्रशासन का सहयोग किया।
निष्कर्ष:
यह घटना अररिया जैसे सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्र में शांति भंग करने की एक सोची-समझी कोशिश मानी जा रही है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से हालात काबू में रहे। सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद स्थानीय लोगों ने जताई है।
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