कटिहार जिले के कदमपुर मोहल्ले से एक बार फिर मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां दहेज की लालच में एक विवाहिता की कथित रूप से जहर देकर हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान 32 वर्षीय कहकशा जबी, पत्नी शमीम अख्तर, के रूप में हुई है। कहकशा की शादी वर्ष 2011 में नासिरगंज मोहल्ले के रहने वाले शमीम से हुई थी।
परिजनों के अनुसार, विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष की ओर से लगातार ₹15 लाख रुपये दहेज की मांग की जा रही थी। कहकशा को कई वर्षों तक मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इस दौरान कई बार सामाजिक स्तर पर पंचायतें हुईं और समझौते की कोशिशें भी की गईं। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

दूसरी शादी और कानूनी लड़ाई
साल 2019 में शमीम अख्तर ने दूसरी शादी कर ली, जिससे कहकशा का पारिवारिक जीवन और भी अधिक टूट गया। इसके बाद कहकशा के मायके वालों ने कटिहार न्यायालय में डोरी एक्ट (महिला संरक्षण कानून) के तहत मामला दर्ज कराया। यह मुकदमा करीब पाँच वर्षों तक चला, जिसके बाद 8 फरवरी 2024 को दोनों पक्षों में एक आपसी समझौता हुआ।
परिजनों का आरोप है कि समझौते के बाद भी ससुराल पक्ष का व्यवहार नहीं बदला और 9 अक्टूबर 2024 को कहकशा को कथित रूप से जहर देकर मार डाला गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी जहर से मौत की पुष्टि हुई है, जो इस पूरे मामले को और भी गंभीर बना देता है।

मासूम बच्चों पर खतरे के बादल
मृतका के दो छोटे बेटे हैं, जिनकी उम्र क्रमश: 5 और 8 वर्ष बताई जा रही है। उनकी नानी बेबी खातून ने सोमवार को कटिहार एसपी से मिलकर बच्चों की सुरक्षा और न्याय की मांग की। बेबी खातून का कहना है कि आरोपी न सिर्फ केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, बल्कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सौतेली दादी और सौतेली मां के साथ बच्चों को रखा गया है, जहां वे सुरक्षित नहीं हैं। जब वे बच्चों से बात करना चाहती हैं, तो फोन पर यह कहकर मना कर दिया जाता है कि “यहाँ कोई नहीं है।” उन्होंने कहा, “मुझे अपने नातियों की आवाज तक सुनने नहीं दी जाती। प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।”
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
बेबी खातून ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे घर की बेटी को जहर देकर मार दिया गया, लेकिन कानून का डर इन लोगों को ज़रा भी नहीं है।”
इस संबंध में एसडीपीओ सद्दाम हुसैन ने जानकारी दी कि मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है और पुलिस जल्द से जल्द गिरफ्तारी की कार्रवाई करेगी। हालांकि, पीड़ित परिवार को अभी भी न्याय मिलने की उम्मीद अधूरी दिखाई दे रही है।
न्याय की पुकार
इस घटना ने जिले में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दहेज जैसी सामाजिक बुराई के चलते एक और महिला की जान चली गई, और उसके मासूम बच्चे अब असुरक्षा और भय के वातावरण में जीने को मजबूर हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और गंभीरता दिखाता है, और क्या कहकशा को न्याय मिल पाएगा?
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