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प्रशांत किशोर की तस्वीर लगी गाड़ी से अंग्रेजी शराब पकड़ी गई

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बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब तस्करी पर लगाम नहीं लग रही है। ताज़ा मामला रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड अंतर्गत जोरावरपुर से सामने आया है, जहाँ एक बोलेरो गाड़ी से 185 पैकेट अंग्रेजी शराब बरामद की गई। लेकिन इस मामले को खास बनाता है गाड़ी पर लगा जन सुराज पार्टी का बड़ा स्टीकर और प्रशांत किशोर की तस्वीर, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

प्रशांत किशोर की तस्वीर लगी गाड़ी से अंग्रेजी शराब पकड़ी गई
प्रशांत किशोर की तस्वीर लगी गाड़ी से अंग्रेजी शराब पकड़ी गई

🚨 कैसे हुआ खुलासा?

घटना की शुरुआत उस समय हुई जब जोरावरपुर में एक बोलेरो और एक ट्रक के बीच टक्कर हो गई। स्थानीय लोगों द्वारा हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि बोलेरो सवार घटनास्थल से फरार हो चुका था, लेकिन गाड़ी को वहीं छोड़ गया।

पुलिस ने जब बोलेरो की तलाशी ली तो गाड़ी के अंदर से 175 टेट्रा पैक ‘बंटी-बबली’ ब्रांड की अंग्रेजी शराब और 10 पैकेट एक अन्य ब्रांड की शराब बरामद की गई। गाड़ी के पिछले हिस्से पर जन सुराज पार्टी का स्टीकर और प्रशांत किशोर की बड़ी तस्वीर लगी थी, जिसने पूरे मामले को राजनीतिक रंग दे दिया।

प्रशांत किशोर की तस्वीर लगी गाड़ी से अंग्रेजी शराब पकड़ी गई
प्रशांत किशोर की तस्वीर लगी गाड़ी से अंग्रेजी शराब पकड़ी गई

🗣 पुलिस का बयान

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि बोलेरो में कुल 185 शराब के पैकेट बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि गाड़ी किसके नाम पर निबंधित है और इसका जन सुराज पार्टी से क्या वास्तविक संबंध है।

🔍 सियासी पारा चढ़ा

गाड़ी पर प्रशांत किशोर की तस्वीर और जन सुराज पार्टी का प्रचार देखकर इलाके में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज अभियान के ज़रिए ‘सुधार और बदलाव’ की बात कर रहे हैं। ऐसे में उनकी तस्वीर वाले वाहन से अवैध शराब की बरामदगी ने विरोधियों को सवाल उठाने का मौका दे दिया है।

हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गाड़ी और शराब तस्करी का सीधा संबंध जन सुराज से है या नहीं। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ़ हो सकेगी।

📌 निष्कर्ष

यह घटना न केवल शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि जन सुराज अभियान को भी अप्रत्याशित विवाद में खींच लाई है। आने वाले दिनों में पुलिस की जांच और राजनीतिक बयानबाज़ी इस मुद्दे को और गहराई दे सकती है।

अधिक ताजा खबरों के लिए पढ़ें Jeb News.

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