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किशनगंज में SIR अभियान पर सियासी संग्राम तेज

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किशनगंज में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर बिहार की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है। देश के 12 राज्यों में मंगलवार से शुरू हुए इस अभियान के विरोध में जहां INDIA गठबंधन के नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं भाजपा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए इसे चुनावी पारदर्शिता का कदम बताया है।

किशनगंज में SIR अभियान पर सियासी संग्राम तेज
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जायसवाल का पलटवार: “वोट चोरों का टायर पंक्चर”

भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने किशनगंज में मीडिया से बातचीत के दौरान महागठबंधन पर करारा प्रहार किया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा,

“जो लोग ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा लगाते फिर रहे थे, उनका टायर अब पंक्चर हो चुका है — उनकी सारी हवा निकल गई है।”

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का “वोट अधिकार यात्रा अभियान” पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ।

“बिहार की जनता ने उनकी अपील को ठुकरा दिया है और निर्वाचन आयोग के SIR अभियान का समर्थन किया है,” जायसवाल ने कहा।

किशनगंज में SIR अभियान पर सियासी संग्राम तेज
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क्या है SIR अभियान

जायसवाल ने बताया कि SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मृत मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे और डुप्लीकेट प्रविष्टियों को साफ किया जाएगा।

“यह कोई नया कदम नहीं है, बल्कि आज़ादी के बाद से चली आ रही एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को सही और पारदर्शी रखना है,” उन्होंने स्पष्ट किया।

किशनगंज में SIR अभियान पर सियासी संग्राम तेज
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विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने INDIA गठबंधन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष वोट चोरी के झूठे दावे कर रहा है ताकि मतदाताओं में भ्रम फैलाया जा सके।

“राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अब बिहार की जनता को गुमराह नहीं कर पाएंगे। मतदाता अब भावनाओं में नहीं, सच्चाई के साथ खड़ा है,” जायसवाल ने कहा।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा और एनडीए सरकार लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

SIR अभियान पर बढ़ती सियासी बयानबाज़ी

SIR अभियान की शुरुआत के साथ ही बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। जहां महागठबंधन इसे “मतदाता सूची से गरीब और अल्पसंख्यक वर्ग को हटाने की साजिश” बता रहा है, वहीं भाजपा इसे “चुनावी सुधार और पारदर्शिता की दिशा में कदम” बता रही है।

राज्य के सीमांचल इलाकों, खासकर किशनगंज और पूर्णिया में, यह मुद्दा अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।

अधिक अपडेट के लिए पढ़ें Jeb News.

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