किशनगंज: मुस्लिम समाज के लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए रमजान के आखिरी जुमे की नमाज काली पट्टी बांधकर अदा की। यह विरोध विशेष रूप से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा की गई अपील के बाद हुआ, जिसमें मुस्लिम समुदाय से इस विधेयक के विरोध में काली पट्टी बांधने की अपील की गई थी।

किशनगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित सौदागर पट्टी स्थित बड़ी मस्जिद में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए। यहां, नमाज पढ़ने पहुंचे नमाजियों ने अपनी दाएं हाथ की कलाई में काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। नमाज अदा करने से पहले, विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधने के बाद वे मस्जिद में प्रवेश हुए और अलविदा जुम्मा की नमाज अदा की।

स्थानीय मुस्लिम युवकों ने इस विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया और कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लाना चाहती है, वह उन्हें स्वीकार नहीं है। विरोध में शामिल एक स्थानीय युवक ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और यदि सरकार ने इस विधेयक को वापस नहीं लिया, तो आगे बड़ा आंदोलन होगा।.

किशनगंज के इस विरोध प्रदर्शन में मुस्लिम समाज ने साफ तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वे वक्फ कानून से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। उन्होंने इस काले कानून को वापस लेने की मांग की, ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और कहा कि सरकार को अपनी कार्रवाई पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि यह समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा मामला है। उनका कहना था कि वक्फ कानून से छेड़छाड़ से मुसलमानों के अधिकारों पर असर पड़ सकता है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस विरोध के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी मांगों को लेकर सरकार से उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। उनके अनुसार, यदि सरकार ने इस विधेयक को वापस नहीं लिया, तो वे और अधिक बड़े स्तर पर इस मुद्दे को उठाएंगे।
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